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Vijay hindustani
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इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने ब्रिटेन, फ़्रांस और कनाडा की ओर से जारी संयुक्त बयान का जवाब दिया है, जिसमें इन देशों ने इसराइल से ग़ज़ा पर हमले फ़ौरन रोकने की मांग की है। नेतन्याहू ने कहा, "ब्रिटेन, कनाडा और फ़्रांस के नेता हमसे उस युद्ध को रोकने की मांग कर रहे हैं जो हम अपनी सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं. साथ ही ये देश फ़लस्तीनी राष्ट्र की मांग भी कर रहे हैं।" "इसराइल की सरहद पर हमास आतंकवादियों को नष्ट करने से पहले ही ये देश चाहते हैं कि इसराइल युद्ध रोक दे।" नेतन्याहू ने कहा युद्ध उसी वक़्त ख़त्म हो सकता है जब हमास सारे इसराइली बंधकों को रिहा कर दे। उन्होंने आगे कहा, "युद्ध कल ही ख़त्म हो सकता है अगर बाकी के बंधकों को रिहा कर दिया जाए. अगर हमास अपने हथियार डाल दे, उनके खूनी नेता देश छोड़ दें और ग़ज़ा से सारी सेना हटा दी जाए।" नेतन्याहू ने इस युद्ध को बर्बरता के विरुद्ध सभ्यता का युद्ध बताया। *Vijay hindustani*
भारत के खिलाफ खड़ा है... एक सुनियोजित वैश्विक गठजोड़...!! पिछले सौ वर्षों से अमेरिका एक महाशक्ति की तरह राज करता रहा है। उसने हर उस देश को मिटा दिया जिसने उसकी सत्ता को चुनौती देने की कोशिश की। जो अमेरिका अब तक चीन के पीछे हाथ धोकर पड़ा था, वो भारत के तरफ क्यों तिरछी निगाहों से देख रहा है..? क्या अमेरिका भारत को खतरा मान रहा है या दक्षिण एशिया में खत्म होती अपनी साख देखकर खीझ रहा है..? या F-16 की शहादत को पचा नहीं पा रहा है..? या माजरा कुछ और ही है..? जापान ने सिर उठाया, तो हिरोशिमा-नागासाकी राख हो गए। यूएसएसआर ने टक्कर ली, तो 17 टुकड़ों में टूट गया। इराक, ईरान, अफगानिस्तान जैसे देशों का क्या हाल हुआ, ये पूरी दुनिया ने देखा है। अब जो देश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, वो है भारत। भारत आज आत्मनिर्भर बनना चाहता है, दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और सबसे तेज़ विकास करती अर्थव्यवस्था भी। भारत की यह प्रगति अमेरिका और पश्चिमी ताकतों को हजम नहीं हो रही। उन्हें डर है कि अगर भारत आत्मनिर्भर हो गया, तो उनकी अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। इसीलिए अब भारत को निशाना बनाया जा रहा है—सीधे नहीं, बल्कि अपने ही लोगों के ज़रिए। जिस तरह चीन के उद्योगपति जैक-मा को अमेरिका ने उभरते ही खत्म करने की साजिश रची, उसी तरह अब अडानी और अंबानी जैसे भारतीय उद्योगपतियों को दबाने की कोशिश की जा रही है। अडानी ने जब ग्रीन हाइड्रोजन जैसे ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखा, और भारत को तेल-गैस के विकल्प देने की योजना बनाई, तभी हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आ गई। अब जबकि CNBC तक ने कहा है कि अडानी दुनिया के दूसरे ट्रिलियनेयर बन सकते हैं, हमले और तेज़ हो गए हैं। भारत की ऊर्जा निर्भरता खत्म हो जाए, तो भारत मजबूत हो जाएगा। लेकिन अमेरिका ऐसा होने नहीं देना चाहता। सोशल मीडिया, यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, गूगल— ये सब अमेरिका के हाथ में हैं। वो जब चाहे, जिसे चाहे बदनाम कर सकते हैं। मीडिया को खरीदा जा सकता है, पेड ट्रेंड चलाए जा सकते हैं। भारत के अंदर भी अमेरिका के एजेंट सक्रिय हैं—गद्दार, जयचंद, नकली बुद्धिजीवी। इनकी बातें देखिए— जब देश आगे बढ़ता है तो इन्हें दर्द होता है, जब कोई भारतीय उद्योगपति दुनिया में जगह बनाता है तो ये मज़ाक उड़ाते हैं। लांछन लगाते हैं। उन्हें भारत की मजबूती नहीं चाहिए, उन्हें भारत में एक कमज़ोर, गठबंधन की सरकार चाहिए जो कभी भी गिर सके। पिछले 10 वर्षों में भारत में एक स्थिर सरकार है, जो अपने उद्योगपतियों को आगे बढ़ा रही है। लेकिन यही बात विदेशी शक्तियों और भारत के विपक्ष को चुभ रही है। आज अगर अडानी, अंबानी, टाटा, महिंद्रा जैसे नाम दुनिया में धमक पैदा कर रहे हैं, तो उनके खिलाफ मुहिम चलाना—क्या यह भारत के खिलाफ षड्यंत्र नहीं? ये उद्योगपति भारत का चेहरा हैं। ये हमारे हीरो हैं जो “मेक इन इंडिया” को दुनिया में पहुंचा रहे हैं। अगर इन्हें गिराया गया, तो... असल में भारत को गिराया जाएगा। इसलिए पहचानिए—कौन जयचंद है? कौन आपके देश को बेचने पर तुला है? और सबसे ज़रूरी बात— सोचिए नहीं, अब एक्शन लीजिए। कम से कम 20 लोगों को ये बात पहुंचाइए। देश को बांटने वाले विदेशी इकोसिस्टम को जवाब सोसल मीडिया के ज़रिए ही दिया जा सकता है। क्योंकि देश हमारा है, सरकार हमारी है, और भविष्य भी हमारा है। जय हिंद। वंदे मातरम्। *Vijay hindustani*
उतर प्रदेश के मदरसा में ऑपरेशन 🔴 सिंदूर के बारे मे पढ़ाया जाएगा योगी है तो यकीन है 👏 *Vijay hindustani*
मेरे व्हाट्सएप ग्रुप में सबसे ज्यादा राष्ट्रवादी हैं...😎 लेकिन जितने भी हैं सब के सब ब्रम्होस मिसाइल🚀 जैसे हैं.... 🫵😎 *Vijay hindustani*
पहला आतंकवादी ............... अब्दुल रशीद है आधुनिक भारत का पहला आतंकवादी... जी हां गोडसे नहीं, अब्दुल रशीद ने इस देश की पहली आतंकवादी घटना को अंजाम दिया था... औवेसी साहब, मिस्टर कमल हासन और सिकलुर गैंग के माननीय सदस्यों... महात्मा (गांधी) से भी पहले एक और महात्मा (स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती) की निर्मम हत्या हुई थी... और इस राक्षसी कांड को अंजाम दिया था अब्दुल रशीद ने... इतिहास की इस सच्चाई को जानने से पहले और आतंकवादी अब्दुल रशीद को जानने से पहले आपको ये जानना ज़रूरी है कि स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती थे कौन ??? कितना दुखद है कि आज इस महान हस्ती का परिचय भी करवाना पड़ता है, क्योंकि हम तो अपने इतिहास और अपने अतीत से भागने लगे हैं.... खैर, स्वामी श्रद्धानन्द 1920 के दौर में हिंदुओं के सबसे बड़े धार्मिक गुरू थे... आर्य समाज के प्रमुख थे और उनकी लोकप्रियता के सामने उस दौर के शंकराचार्य भी उनके सामने कहीं नहीं ठहरते थे... लेकिन वो सिर्फ हिंदुओं के आराध्य ही नहीं थे, महान स्वतन्त्रता सेनानी भी थे... वो अपनी छत्र छाया में मोहनदास करमचन्द गांधी को भारतीय राजनीति में स्थापित कर रहे थे... असहयोग आंदोलन के समय वो गांधी के गांधी सबसे बड़े सहयोगी थे... कुछ इतिहासकारों का दावा है कि स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती ने ही मोहन दास करमचंद गांधी को पहली बार महात्मा की उपाधि दी थी। खैर... अब बात करते हैं भारत के पहले आतंकवादी अब्दुल रशीद की... वो 23 दिसंबर 1926 की बात है... दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में दोपहर के वक्त स्वामी श्रद्धानंद अपने घर में आराम कर रहे थे... वो बेहद बीमार थे... तब वहां पहुंचा अब्दुल रशीद, उसने स्वामी जी से मिलने का समय मांगा... स्वामी जी ने वक्त दे दिया... वो उनके पास पहुंचा उन्हे प्रणाम किया और देसी कट्टे से 4 गोलियां स्वामी जी के शरीर में आर-पार कर दीं... स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती ने वहीं दम तोड़ दिया...भारत के पहले आतंकवादी अब्दुल रशीद ने स्वामी जी के साथ वही किया जो गोडसे ने इस घटना के पूरे 22 साल बाद बापू के साथ किया। अब जानिए... क्यों भारत के पहले आतंकवादी अब्दुल रशीद ने स्वामी श्रद्धानन्द की हत्या की थी ??? दरअसल स्वामी श्रद्धानन्द ने हिंदू धर्म को इस तरह से जागृत कर दिया था कि पूरी दुनिया हिल गई थी... वो हिंदू धर्म की कुरुतियों को दूर कर रहे थे, नवजागरण फैला रहे थे... और उन्होने चलाया था "शुद्धि आंदोलन" जिसकी वजह से भारत के पहले आतंकवादी अब्दुल रशीद ने उनकी हत्या की। "शुद्धि आंदोलन" यानि वो लोग जो किसी वजह से हिंदू धर्म छोड़ कर मुस्लिम या ईसाई बन गए हैं, उन्हे स्वामी श्रद्धानन्द वापस हिंदू धर्म में शामिल कर रहे थे... इसे आज की भाषा में घर वापसी कह सकते हैं... ये आंदोलन इतना आगे बढ़ चुका था कि धर्मांतरण करने वाले लोगों को चूले हिल गईं... स्वामी जी ने उस समय के यूनाइटेड प्रोविंस (आज के यूपी) में 18 हज़ार मुस्लिमों की हिंदू धर्म में वापसी करवाई... और ये सब कानून के मुताबिक हुआ... कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों को लगा कि तब्लीग में तो धर्मांतरण एक मज़हबी कर्तव्य है लेकिन एक हिंदू संत ऐसा कैसे कर सकता है ??? तब कांग्रेस के नेता और बाद में देश के राष्ट्रपति बने डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपनी किताब "इंडिया डिवाइडेट (पेज नंबर 117)" में स्वामी के पक्ष में लिखा कि "अगर मुसलमान अपने धर्म का प्रचार और प्रसार कर सकते हैं तो उन्हे कोई अधिकार नहीं है कि वो स्वामी श्रद्धानंद के गैर हिंदुओ को हिंदू बनाने के आंदोलन का विरोध करें"... लेकिन कुछ कट्टरपंथियों की नफरत इतनी बढ़ चुकी थी कि वो स्वामी की जान के प्यासे हो गए... नतीजा एक दिन भारत के पहले आतंकवादी अब्दुल रशीद से स्वामी श्रद्धानन्द की हत्या करवा दी गई। अब आगे क्या हुआ... भारत के पहले आतंकवादी अब्दुल रशीद को जब हत्या के आरोप में फांसी सुना दी गई तो... कांग्रेस के नेता आसफ अली ने उसकी पैरवी की... 30 नवम्बर, 1927 के ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के अंक में छपा था कि स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे अब्दुल रशीद की रूह को जन्नत में स्थान दिलाने के लिए देवबंद में दुआ मांगी गई कि "अल्लाह मरहूम (आतंकी अब्दुल रशीद) को अलाये-इल्ली-ईन (सातवें आसमान की चोटी पर) में स्थान दें।" लेकिन सबसे चौंकाने वाली थी महात्मा गांधी की प्रतिक्रिया... स्वामी जी की हत्या के 2 दिन बाद गांधी जी ने गुवाहाटी में कांग्रेस के अधिवेशन के शोक प्रस्ताव में कहा कि - "मैं अब्दुल रशीद को अपना भाई मानता हूं... मैं यहाँ तक कि उसे स्वामी श्रद्धानंद जी की हत्या का दोषी भी नहीं मानता हूं... वास्तव में दोषी वे लोग हैं जिन्होंने एक दूसरे के खिलाफ घृणा की भावना पैदा की... हमें एक आदमी के अपराध के कारण पूरे समुदाय को अपराधी नहीं मानना चाहिए... मैं अब्दुल रशीद की ओर से वकालत करने की इच्छा रखता हूं" नोट - मैं पूरी तरह से गांधी जी की बात से सहमत हूं... कि हमें एक आदमी के अपराध के कारण पूरे समुदाय को अपराधी नहीं मानना चाहिए... गोडसे ने अगर जघन्य पाप किया था तो उसके लिए पूरे हिंदू समाज को आतंकी नहीं ठहराया जा सकता है... जैसे अब्दुल रशीद के लिए मैं पूरे मुस्लिम समाज को आतंकी नहीं ठहराता... खैर, मैं जल्द आपको ये बताऊंगा कि कैसे गांधी के हत्यारे गोडसे के कर्म की सज़ा 8 हज़ार मासूमों को चुकानी पड़ी... #हुआ_तो_हुआ ... भारत का आधुनिक इतिहास सात तालों में कैद है, इसे खुलना ही चाहिए... *Vijay hindustani*
30 दिन के अन्दर घुसपैठियों को बाहर निकाले राज्य सरकारें-: गृहमंत्री भारत सरकार 💪😎शाबाश अमित शाह मोटा भाई एतिहासिक कदम 🙏🙏 *Vijay hindustani*
मुरादाबाद-काशीपुर हाईवे पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से बनी मजारों और मस्जिदों पर बुलडोजर चलाया। प्रशासन का कहना है कि इन धार्मिक ढाँचों को पहले नोटिस देकर हटाने का मौका दिया गया था, लेकिन जवाब न मिलने पर कानून के तहत कार्रवाई की गई। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो। *Vijay hindustani*
राहुल गांधी के अनुसार यदि सरकार ने पाकिस्तान को पहले ही बता दिया था तो फिर पाकिस्तान अपने चहेते की फैमिली को क्यों नहीं बचा पाया? कई घोषित बड़े आतंकी भी हमले में मारे गए, ये सब कैसे हुआ यदि उन्हें पहले से ज्ञात था तो?