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' टाइम टॉय ' का प्रयास है, मानवता की बेहतरी l " यहाँ परोसी जाने वाली सामग्री में आपको मनोरंजन, शिक्षा, तर्क, चिंतन, दर्शन, जागृति, हास्य, दूरदर्शिता... के दर्शन होंगे और इससे जुड़ने वाले मानव बौद्धिकता के शिखर पर जाते हुए, एक परिवार का अनुभव करेंगे "... तथास्तु। || वसुधैव कुटुम्बकम् ||

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2/21/2025, 11:46:58 AM

फेक न्यूज़: समाज के लिए एक गंभीर खतरा। डिजिटल और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने सूचनाओं को तेज़ी से फैलाना संभव बनाया है, लेकिन इसके साथ फेक न्यूज़ यानी झूठी और गलत जानकारी या भ्रामक खबरें — जो किसी व्यक्ति, समाज या देश पर असर डालने के लिए फैलाई जाती है। एक बड़ी गंभीर समस्या बन गई है। फेक न्यूज़ क्यों फैलाई जाती है? इसका उद्देश्य समाज को गुमराह करना लोगों की राय बदलने के लिए; राजनीतिक कारणवश। आर्थिक लाभ हेतु विज्ञापनों से पैसा कमाने के लिए। सामाजिक क्षेत्रीय तनाव पैदा कर, उनकी ताप में अपने कैरियर की रोटी सेंकने के लिए; धर्म,जाति और क्षेत्र के बीच दरारें पैदा की जाती हैं या किसी खास एजेंडे- उद्देश्य को बढ़ावा देने या पूरा करने के लिए फैलाई जाती है। यह समस्या न केवल सामाजिक रूप से, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में भी बाधा डालती है। फेक न्यूज़ कैसे फैलती है? 1. सोशल मीडिया: व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर पर बिना सोचे समझे दना-दन शेयर बटन दबाने से। 2. एडिटेड तस्वीरें या पुरानी तस्वीरों का गलत इस्तेमाल। 3. फर्जी वेबसाइट्स: सनसनीखेज खबरें फैलाने वाली साइट्स। 4. अफवाहें: बिना जांचे-सोचे बातें फैलाना। 5. तथ्यों को तोड़ मरोड़ के किसी मध्यम से प्रस्तुत करना। फेक न्यूज़ के नुकसान: 1. अफवाह और हिंसा: बच्चा चोर की अफवाह से निर्दोषों की मौत। 2. फेक न्यूज़ से गलत फैसले लिए जा सकतें हैं जैसे: COVID-19 के दौरान नकली इलाज़ की खबरें। 3. सामाजिक तनाव: फर्जी वीडियो से दंगे भड़कना। 4. व्यक्तिगत बदनामी: कंपनियों और व्यक्तियों की छवि खराब हो जाती है। 5. असली मसलों से समाज दूर चला जाता है। 6. गलत सेवा व उत्पाद की तरफ़ समाज को ले जा कर मार्केट को प्रभावित करना । 7. दाम ज़्यादा देना जैसे - नमक कम है फेक न्यूज़ से दुकानों पर भीड़ लग जाती है दाम बढ़ जाते हैं। 8. समाज का समय बर्बाद करना जैसे- नेपाल में आए भूकंप से आसमान में उल्टे चाँद को खोजना। अब तो आप समझ गए इस फेक न्यूज़ की बाढ़ से कितना नुकसान होता है या यूं कहें हो रहा है। जान, मॉल, समय, संसाधन सभी इसकी भेंट चढ़ जाते हैं।अब सवाल बनता है, इस फेक न्यूज़ को कैसे पहचानें? 1. सनसनीखेज हेडलाइन पर शक करें। 2. खबर के स्रोत को जांचें। 3. पुरानी तस्वीरों या वीडियो का गलत इस्तेमाल तो नहीं? 4. अन्य भरोसेमंद स्रोतों से इस ख़बर की पुष्टि है। फेक न्यूज़ रोकने के उपाय: 1. ट्रस्टेड न्यूज़ सोर्सेज का उपयोग। 2. ख़बर को क्रॉस वेरिफाई करें: Ek khabar ko dusre reliable sources ke saath match karein. Agar woh kahin aur nahi mili to samajh jayein ki yeh fake hai. 3. फैक्ट-चेक करें: Alt News, Boom Live व Snopes जैसी साइट्स का उपयोग करें। 4. सोशल मीडिया पर रिपोर्ट करें। 5. जागरूकता बढ़ाएं: "सोचें, परखें और फिर साझा करें।" 6. सही स्रोतों का पालन करें। 7. डिजिटल लिट्रेसी को बढ़ावा दे कर इससे बेहतर तरीके से लड़ा जा सकता है। 8. याद रखें किन जगहों से गलत ख़बरें अ रहीं हैं लोगों को आगाह भी करें। फेक न्यूज़ सिर्फ खबर नहीं, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसे रोकने के लिए सतर्कता और सही जानकारी फैलाना और झूठी खबरों को पहचानकर रोकना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। याद रखें: शेयर करने से पहले सच जानें। एक छोटी सी अफवाह बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। फिर से "सोचें, परखें और फिर साझा करें।"

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