New Raza Islamic Mission WhatsApp Channel

New Raza Islamic Mission

12 subscribers

About New Raza Islamic Mission

मुनकिर हुआ जो रुतबाये खेरुल अनाम का बेशक वो बदनसीब है नुत्फा हराम का

Similar Channels

Swipe to see more

Posts

New Raza Islamic Mission
New Raza Islamic Mission
2/7/2025, 9:36:10 AM

*किसी के सामने गुनाह का इज़हार ना करें* अगर हमारी वजह से कोई गुनाह करता है, तो जब तक वो गुनाह करता रहेगा उसे भी गुनाह मिलेगा और हमें भी मिलेगा इसलिए कोशिश करें हम गुनाह करते हैं तो हमारे गुनाह हम तक ही महदूद रहें गुनाह की तरगीब ना दिलाए, किसी के सामने गुनाह का इज़हार ना करें कहीँ ऐसा न हो कि हमें देख कर वोह भी इस लाइन पर चल पडें.! *New Raza Islamic Mission* _Subscribe & Follow Us On_ https://www.youtube.com/@newrazaislamicmission

New Raza Islamic Mission
New Raza Islamic Mission
2/28/2025, 3:51:02 PM

मुझे मालूम है कि लंबा पोस्ट आप पढ़ना नहीं चाहते… लेकिन जरूरी था, इसलिए थोड़ा लंबा लिखना पड़ा… आगरा में TCS (टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज) में कार्यरत मैनेजर "मानव शर्मा" ने अपनी पत्नी से परेशान होकर आत्महत्या कर लिया है… विवाह 13 माह पहले ही हुआ था… डिफेंस कालोनी में रहने वाले नरेश कुमार शर्मा (एयरफोर्स से रिटायर) का इकलौता पुत्र "मानव शर्मा" ने अपने ही घर में आत्महत्या कर ली… आत्महत्या करने से पहले मानव शर्मा ने एक वीडियो बनाया जिसमें उसने अपनी पत्नी "निकिता शर्मा" के चरित्र पर आरोप लगाया… मानव शर्मा की पत्नी निकिता शर्मा का कहना है कि "वह" मेरा एक पास्ट था जिसे मानव शर्मा जानकार परेशान रहते थे, मैंने उन्हें (मानव शर्मा को) बताया भी था कि वह मेरा पास्ट था, विवाह के बाद सब कुछ भूल चुकी हैं, फिर भी वह परेशान रहते थे… आत्महत्या की मूल वजह है संवैधानिक मान्यता प्राप्त "संवैधानिक विवाहेत्तर संबंध" जिसपर कोई चर्चा नहीं करेगा… "संवैधानिक विवाहेत्तर संबंध" में अगर किसी हिंदू की पत्नी किसी दूसरे मर्द के साथ संबंध बना रही है और पति इस आधार पर विवाह विच्छेद करता है तो पति को भारी भरकम रकम एलिमोनी के रूप में देना होगा… अब आप ही बताइए… ऐसे हालात में "मनवा शर्मा" जैसे लोग क्या करें? ये संवैधानिक सिस्टम पूरी तरह से परिवार विरोधी सिस्टम है, ये संवैधानिक सिस्टम चाहता है कि पारिवारिक ढांचा पूरी तरह से खत्म हो जाए… लेकिन इस संवैधानिक सिस्टम पर कोई चर्चा नहीं करेगा… ये संवैधानिक सिस्टम ये तो चाहता है कि पुरुष व महिला बगैर विवाह के संवैधानिक मान्यता प्राप्त "लिव इन रिलेशनशीप" में रहे, अगर गलती से विवाह हो भी गया है तो संवैधानिक मान्यता प्राप्त "विवाहेत्तर संबंध" में रहे… और हां "विवाहेत्तर संबंध" में रहते हुए महिला को बच्चा हो और पत्नी कोर्ट में कहे कि दो बच्चा तो मेरे पति से है लेकिन तीसरा व चौथा बच्चा मेरे पति से नहीं बल्कि "विवाहेत्तर संबंध" वाले पार्टनर से है… तो ये संवैधानिक न्यायपालिका कहेगी कि कोई बात नहीं चारों बच्चों का खर्च उठाने की जिम्मेदारी तुम्हारे पति की है, और पति इनकार करेगा तो जेल में डाल दिया जाएगा… बड़ी मुश्किल से मुस्लिम समाज इस गलाजत से बचे हुए थे, लेकिन मुसलमान आदि को भी इस गलाजत में धकेलने के लिए ही संविधान में UCC का प्रावधान रखा गया… संविधान निर्माताओं को मालूम था कि इस गलाजत में मुस्लिम अपनी मर्जी से तो आयेंगे नहीं इसलिए इस गलाजत में धकेलने हेतु UCC को संविधान के अनुच्छेद में रखा गया, और उसी संवैधानिक अनुच्छेद का पालन करते हुए संवैधानिक सिस्टम UCC लाने की तैयारी कर रहा है… लेकिन इसपर ये चर्चा नहीं करेंगे… क्यों? क्योंकि ये मुस्लिम विरोध में कुंठित हो चुके हैं "अपना घर जलता है तो जले, लेकिन पड़ोसी अब्दुल का घर जलाना जरूरी है" ये संवैधानिक सिस्टम पूरी तरह से परिवार विरोधी सिस्टम है, लेकिन यकीन मानिए काका, मीडिया से लेकर धरातल तक इसपर कोई चर्चा नहीं करेगा…

Link copied to clipboard!