
Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 🚩🚩🚩🚩🚩
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About Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 🚩🚩🚩🚩🚩
*सभी सनातनियों का संघ परिवार में स्वागत हैं सभी सनातनी इस Chennal को ज्यादा से ज्यादा SHERE किजिए और "Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 🚩" की आवाज को जन जन तक पहुंचाइये।* *जय श्री राम* *भारत माता की जय* 🚩🚩🙏🙏🚩🚩
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*🤔अंतिम सत्य : आपसी भाई चारा गया तेल लेने l आपसी भाईचारा असंभव है* *इंसान और राक्षस कभी एक नहीं हो सकते। ग्रह युद्ध तय है* *बहुत ही सुंदर तरीके से समझाया।* *अगर आपने, अपने समाज और अपने आस्तित्व को बचाना है तो जितना जल्दी हो इनके विचारो को समझ लो, उतना अच्छा।* *अगर इनकी बातों को आप सब ने समझ लिया तो आप सब ने आज महाकुंभ मे स्नान कर लिया और आप सब को महाकुंभ का पुण्य भी मिल गया* 🚩 *_जो सत्य कहने मे बड़े बड़े सूरमा डरते है वह सत्य इन्होंने सिर्फ 2 मिनट मे बता दिया l पूरे 100 तोपों की सलामी_*👆

*अमानतुल्लाह खान का तो 'वक्त' ही बदल गया है, भीख माँग रहा है मेरे साथियों को बुला लो 😹😆* *औकात में आ गया कठमुल्ला.*

*मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगते ही उग्रवादी संगठनो ने हथियारो का साथ सेरेंडर करना शुरू कर दिया है* 😎😎 और सेना ने भी सात दिन तक सेरेंडर करने का अल्टीमेटम दे रखा है उसकी बाद पकड़ कर पकड़ कर रगड़ा जाएंगे सोचने वाली बात आजादी से पहले जब यहां उग्रवाद नाम की कोई चीज ही नहीं थी तो 70 साल में यहां ऐसा क्या हुआ और तब की सरकारो ने इन पर कार्यवाही करने की बजाय इनके लिए ही अलख कानून बना दिए जिसके आड़ में मणिपुर दशकों से जलता आ रहा और तब की सरकारें और अदालते खामोश रही

*महाराज दशरथ का जन्म एक बहुत ही अद्भुत घटना है* पौराणिक धर्म ग्रंथों के आधार पर बताया जाता है कि एक बार राजा अज दोपहर की वंदना कर रहे थे। उस समय लंकापति रावण उनसे युद्ध करने के लिए आया और दूर से उनकी वंदना करना देख रहा था। राजा अज ने भगवान शिव की वंदना की और जल आगे अर्पित करने की जगह पीछे फेंक दिया। यह देखकर रावण को बड़ा आश्चर्य हुआ। और वह युद्ध करने से पहले राजा अज के सामने पहुंचा तथा पूछने लगा कि हमेशा वंदना करने के पश्चात जल का अभिषेक आगे किया जाता है, न कि पीछे, इसके पीछे क्या कारण है। राजा अज ने कहा जब मैं आंखें बंद करके ध्यान मुद्रा में भगवान शिव की अर्चना कर रहा था, तभी मुझे यहां से एक योजन दूर जंगल में एक गाय घास चरती हुई दिखी और मैंने देखा कि एक सिंह उस पर आक्रमण करने वाला है तभी मैंने गाय की रक्षा के लिए जल का अभिषेक पीछे की तरफ किया। रावण को यह बात सुनकर बड़ा ही आश्चर्य हुआ। रावण ऐक योजन दूर वहाँ गया और उसने देखा कि एक गाय हरी घास चर रही है जबकि शेर के पेट में कई वाण लगे हैं अब रावण को विश्वास हो गया कि जिस महापुरुष के जल से ही बाण बन जाते हैं और बिना किसी लक्ष्य साधन के लक्ष्य बेधन हो जाता है ऐसे वीर पुरुष को जीतना बड़ा ही असंभव है और वह उनसे बिना युद्ध किए ही लंका लौट जाता है। एक बार राजा अज जंगल में भ्रमण करने के लिए गए थे तो उन्हें एक बहुत ही सुंदर सरोवर दिखाई दिया उस सरोवर में एक कमल का फूल था जो अति सुंदर प्रतीत हो रहा था। उस कमल को प्राप्त करने के लिए राजा अज सरोवर में चले गए किंतु यह क्या राजा अज जितना भी उस कमल के पास जाते वह कमल उनसे उतना ही दूर हो जाता और राजा अज उस कमल को नहीं पकड़ पाया। अंततः आकाशवाणी हुई कि हे राजन आप नि:संतान हैं आप इस कमल के योग्य नहीं है इस भविष्यवाणी ने राजा अज के हृदय में एक भयंकर घात किया था। राजा अज अपने महल में लौट आए और चिंता ग्रस्त रहने लगे क्योंकि उन्हें संतान नहीं थी जबकि वह भगवान शिव के परम भक्त थे। भगवान शिव ने उनकी इस चिंता को ध्यान में लिया। और उन्होंने धर्मराज को बुलाया और कहा तुम किसी ब्राह्मण को अयोध्या नगरी पहुँचाओ जिससे राजा अज को संतान की प्राप्ति के आसार हो। दूर पार एक गरीब ब्राह्मण और ब्राह्मणी सरयू नदी के किनारे कुटिया बनाकर रहते थे । एक दिन वे ब्राह्मण राजा अज के दरबार में गए और उनसे अपनी दुर्दशा का जिक्र कर भिक्षा मांगने लगे। राजा अज ने अपने खजाने में से उन्हें सोने की अशर्फियां देनी चाही लेकिन ब्राह्मण नहीं कहते हुए मना कर दिया कि यह प्रजा का है आप अपने पास जो है, उसे दीजिए तब राजा अज ने अपने गले का हार उतारा और ब्राह्मण को देने लगे किंतु ब्राह्मण ने मना कर दिया कि यह भी प्रजा की ही संपत्ति है इस प्रकार राजा अज को बड़ा दुख हुआ कि आज एक गरीब ब्राह्मण उनके दरबार से खाली हाथ जा रहा है तब राजा अज शाम को एक मजदूर का बेश बनाते हैं और नगर में किसी काम के लिए निकल जाते हैं। चलते - चलते वह एक लौहार के यहाँ पहुंचते हैं और अपना परिचय बिना बताए ही वहां विनय कर काम करने लग जाते हैं पूरी रात को हथौड़े से लोहे का काम करते हैं जिसके बदले में उन्हें सुबह एक टका मिलता है। राजा एक टका लेकर ब्राह्मण के घर पहुंचते हैं लेकिन वहां ब्राह्मण नहीं था उन्होंने वह एक टका ब्राह्मण की पत्नी को दे दिया और कहा कि इसे ब्राह्मण को दे देना । जब ब्राह्मण आया तो ब्राह्मण की पत्नी ने वह टका ब्राह्मण को दिया और ब्राह्मण ने उस टका को जमीन पर फेंक दिया तभी एक आश्चर्यजनक घटना हुई ब्राह्मण ने जहां टका फेंका था वहां गड्ढा हो गया ब्राह्मण ने उस गढ्ढे को और खोदा तो उसमें से सोने का एक रथ निकला तथा आसमान में चला गया इसके पश्चात ब्राह्मण ने और खोदा तो दूसरा सोने का रथ निकला और आसमान की तरफ चला गया इसी प्रकार से, नौ सोने के रथ निकले और आसमान की तरफ चले गए और जब दसवाँ रथ निकला तो उस पर एक बालक था और वह रथ जमीन पर आकर ठहर गया। ब्राह्मण उस बालक को लेकर राजा अज के दरबार में पहुंचे और कहा राजन - इस पुत्र को स्वीकार कीजिए यह आपका ही पुत्र है जो एक टका से उत्पन्न हुआ है तथा इसके साथ में सोने के नौ रथ निकले जो आसमान में चले गए जबकि यह बालक दसवें रथ पर निकला इसलिए यह रथ तथा पुत्र आपका है। इस प्रकार से दशरथ जी का जन्म हुआ था। महाराज दशरथ का असली नाम मनु था और ये दसों दिशाओं में अपना रथ लेकर जा सकते थे इसीलिए दशरथ नाम से प्रसिद्ध हुये..!! पौराणिक कथाओं को सभी को शेयर करते रहें, जिससे सभी को सनातन संस्कृति की अद्भुत जानकारी प्राप्त होती रहें हर हर महादेव जय श्री राम

*`आज की शुरुआत प्रभु श्रीराम (राम लल्ला) के अलौकिक दर्शन के साथ किजिए।`* *🚩🙏 जय श्री राम 🙏🚩* `Please all friends Follow & Share this WhatsApp Channel` 👇👇👇👇👇 https://whatsapp.com/channel/0029VajxjqHD38CXo46pg61f

*1971 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बने रहने के लिए वामपंथी लोगों से मदद चाहिए थी।* समझौता यह हुआ कि.. आप प्रधानमंत्री बनी रहो और हमारे लोगों को देश का शिक्षा बोर्ड दे दो। कट्टर वामपंथी विचारधारा वाले डा. नूरूल हसन को केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री का पद सौंपा गया था, जिसने प्राचीन हिन्दू इतिहास तथा पाठ्य पुस्तकों के विकृतिकरण का बीड़ा उठा लिया। 1972 में इन सैकुलरवादियों ने "भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद" का गठन कर इतिहास पुनर्लेखन की घोषणा की और सुविख्यात इतिहासकार यदुनाथ सरकार, रमेश चंद्र मजूमदार तथा श्री जी.एस. सरदेसाई जैसे सुप्रतिष्ठित इतिहासकारों के लिखे ग्रंथों को नकार कर, नये सिरे से इतिहास लेखन का कार्य शुरू कराया गया। घोषणा की गई कि इतिहास और पाठ्यपुस्तकों से वे अंश हटा दिये जाएँगे, जो राष्ट्रीय एकता में बाधा डालने वाले और मुल्सिमो की भावना को ठेस पहुँचाने वाले लगते हैं। डा. नूरूल हसन ने अलीगढ़ मुल्सिम विश्वविद्यालय में भाषण करते हुए कहा- महमूद गजनवी औरंगजेब आदि मुल्सिम शासकों द्वारा हिन्दुओं के नरसंहार एवं मंदिरों को तोड़ने के प्रसंग राष्ट्रीय एकता में बाधक है अत: उन्हें नहीं पढ़ाया जाना चाहिए। वामपंथियों ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर अंग्रेजों से क्षमा माँगकर, गौ भक्षक होना, अण्डमान के काला पानी जेल से रिहा होने जैसे निराधार आरोप लगाये और उन्हें वीर की जगह 'कायर' बताने की बात लिखीं (ये बातें डा. अमरीश प्रधान द्वारा एक संगोष्ठि में बताई गयी हैं) देश का इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ हो नहीं सकता है कि बच्चे यह नहीं पढ़ पा रहे हैं कि औरंगजेब ने किस तरह से देश में हिन्दुओं का कत्लेआम करवाया था। इन लेखकों ने यह तो लिख दिया कि गांधी की हत्या नाथूराम ने की थी किन्तु यह नहीं बताया कि गुरू गोविन्द जी कैसे शहीद हुए थे। सबसे बड़ा मजाक यह है कि स्कूल की किताबों में कौन सा लेखक क्या लिख रहा है इसकी जाँच करने के लिए कोई भी बोर्ड नहीं है.. कोई लिखता है कि "राम नहीं थे तो कोई महाभारत को एक कहानी लिखता है" किन्तु एक खास धर्म से पंगा नहीं लेता है। आज भी कांग्रेस की दया के चलते ही कई वामपंथी लोग शिक्षा बोर्ड पर कब्जा किये बैठे हैं। इसी योजना के तहत JNU जैसे अनेक तथाकथित 'स्वायत्त' विश्वविद्यालयों की स्थापना करके भी उन्हें वामपंथियों को सौंप दिया गया आज शरद पवार वही फर्जी वामपंथी पुस्तको का हवाला देकर कह रहे हैं की “सावरकर ने कहा था, गो मांस खाना क्राइम नहीं” जबकी यह बाते सावरकर जी सपने मे सोच भी नही सकते थे.... सेकुलरिज्म के नाम पर हिन्दुओं से बहुत विश्वासघात किया गया है, देश के धर्म के नाम पर टुकड़े करने वालो ने.. राष्ट्रहित सर्वोपरि भारत माता की जय वंदे मातरम - जय हिंद *जागो सनातनी जागो* *देश जगेगा देश बचेगा* 🪷 🇮🇳 🙏 🇮🇳 🪷

*`शुभ रात्रि मित्रो`* `सभी रामभक्तों को भगवान श्री राम जी (राम लल्ला) के अलौकिक दर्शन करके सोना चाहिए।` 🚩🙏 `जय श्री राम` 🙏🚩 *जिस भाई ने अभी तक Follow नहीं किया है कृपया वो सभी भाई इस WhatsApp Channel को ज्यादा से ज्यादा Follow & Shere करें।* 👇👇👇👇👇👇 https://whatsapp.com/channel/0029VajxjqHD38CXo46pg61f

दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय (SAU) में सौ से अधिक हिन्दू बच्चों ने महाशिवरात्रि पर उपवास रखा था और, दो मेस में से एक में मैनेजर से कह कर शाकाहारी भोजन की व्यवस्था का अनुरोध किया। कभी न नहाने वाले, अपनी बहनों पर कुदृष्टि रखने वाले, व्यभिचारी वामपंथी दोगलों के हिन्दू-विरोधी संगठन SFI को यह उचित नहीं लगा। मेस में जा कर उपवास कर रहे छात्र-छात्राओं के मेस में उन्हें उकसाने के लिए जानबूझकर मांसाहारी भोजन परोसने लगे। साथ ही उनके साथ टेबल पर चिढ़ाने के लिए बैठने लगे। सहने की एक सीमा होती है। जब ये गुंडे मार-पीट पर उतर आए तो abvp के विद्यार्थियों ने आत्मरक्षा में उसका प्रतिरोध किया। ये वही SFI वाले हैं जो ईद के समय पूरी मेस को इस्लामी तरीके से चलाने की वकालत करते हैं। आज इन हरामियों से महाशिवरात्रि के पर्व पर हिन्दुओं के लिए की गई व्यवस्था ‘सेकुलरिज्म’ विरोधी दिखने लगी। ऐसा नहीं है कि इन दोगलों को खाने नहीं दिया गया, इनकी माँग यह थी कि ‘हम यहीं हगेंगे’। उन्हें उसी मेस में उन्हीं टेबलों पर भोजन करना था और मांसाहारी ही करना था। इन्हें ऐसे हॉस्टलों से निकाल दिया जाए तो यही नॉनवेज खाना ये अफोर्ड नहीं कर पाएँगे पर यहाँ हर दिन, तीन बार चाहिए। ABVP को ऐसे हर उपद्रवी गुंडे को पकड़ कर उचित ‘चिकित्सा’ की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि आगे से वो ऐसा न कर सकें।

*इंग्लैंड से जीतने के बाद अफगानिस्तान की टीम ने पाकिस्तानी ग्राउंड पर लहराया भारतीय झंडा जिसे देखकर पूरे पाकिस्तान अवाम 🔥 की सुलग गई।*

भारत में लगभग 5-10 करोड़ बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं वे हमारी नौकरियाँ, हमारी सरकारी योजनाएँ, हमारी शांति और सुरक्षा छीन रहे हैं यदि हम उन्हें ढूँढ़कर वापस भेज सकें तो - हमारी कर दर 50% कम हो जाएगी - हमारी अपराध दर 80% कम हो जाएगी - हमारी जनसंख्या 8% कम हो जाएगी - अस्पताल, रेलगाड़ियाँ, बसें, सड़कें खाली हो जाएँगी! - मगर इस देश मे सरकार कोर्ट विपक्ष मीडिया कोई भी सीरयस नहीं है और जनता के हाथ मे कुछ नहीं है विपक्ष तो अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की ढाल बनी हुई है सरकारी तंत्र सुप्रीम कोर्ट से चलता है फिर भी अपनी आवाज बुलंद रखिये कभी ना कभी तो हमारी आवाज रंग लाएगी