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श्री *कैलाश चन्द्र पालीवाल, उप-निरीक्षक, राजस्थान* पुलिस को *केंद्र सरकार* के महत्वपूर्ण अभियान " *NATIONAL LEARNING WEEK"* , *iGOT* कर्मयोगी प्लेटफॉर्म में *प्रथम स्थान* प्राप्त करने पर हार्दिक अभिनन्दन। आपकी यह सिद्धि न केवल आपके परिवार एवं राजस्थान पुलिस को गौरवान्वित करती है, अपितु समूचे राजस्थान का शीश ऊंचा करती है। आपकी यह उपलब्धि आपके परिश्रम, समर्पण तथा गहन ज्ञान का प्रमाण है। आपकी पूर्व उपलब्धियाँ भी प्रशंसनीय हैं। 1.RPSC LDC 2016 में राजस्थान में " *9वें स्थान* " पर चयन, 2.RPSC SI 2016 में " *54वें स्थान"* , 3.*IAS PRE 2019* में परीक्षा *उत्तीर्ण* , 4. *RAS PRE* परीक्षा में **2 बार उत्तीर्ण* , 5.पटवारी परीक्षा में राजसमंद जिले में *2nd Rank* , 6.डाक विभाग में *2 बार चयन* 7. *ग्राम सेवक* पद पर चयन *8.आजादी का अमृत महोत्सव** में राजसमंद जिले में *3rd* rank। 9. *Cyber crime awareness* में home ministry द्वारा *भारत* में *3rd* rank। 10. केंद्र सरकार के MyGOV initiative पर " *Change Maker" badge* । 11. नशा मुक्ति अभियान, गोवा में *2nd Rank* । 12. *NSG* मानेसर में आयोजित *अखिल भारतीय संयुक्त युद्धाभ्यास अग्निपरीक्षा 10* में राजस्थान पुलिस का प्रतिनिधित्व। ये सभी आपकी प्रतिभा एवं लगन के साक्षी हैं। आपकी यह यात्रा न केवल आपके लिए, अपितु उन सभी युवकों के लिए प्रेरणादायी है जो अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर संघर्षरत हैं। आपकी यह सफलता एक प्रेरणादायी कहानी है, जो हमें याद दिलाती है कि यदि हम दृढ़ संकल्प हों, तो असंभव कुछ नहीं।
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श्री *कैलाश चन्द्र पालीवाल, उप-निरीक्षक, राजस्थान* पुलिस को *केंद्र सरकार* के महत्वपूर्ण अभियान " *NATIONAL LEARNING WEEK"* , *iGOT* कर्मयोगी प्लेटफॉर्म में *प्रथम स्थान* प्राप्त करने पर हार्दिक अभिनन्दन। आपकी यह सिद्धि न केवल आपके परिवार एवं राजस्थान पुलिस को गौरवान्वित करती है, अपितु समूचे राजस्थान का शीश ऊंचा करती है। आपकी यह उपलब्धि आपके परिश्रम, समर्पण तथा गहन ज्ञान का प्रमाण है। आपकी पूर्व उपलब्धियाँ भी प्रशंसनीय हैं। 1.RPSC LDC 2016 में राजस्थान में " *9वें स्थान* " पर चयन, 2.RPSC SI 2016 में " *54वें स्थान"* , 3.*IAS PRE 2019* में परीक्षा *उत्तीर्ण* , 4. *RAS PRE* परीक्षा में **3 बार उत्तीर्ण* , 5.पटवारी परीक्षा में राजसमंद जिले में *2nd Rank* , 6.डाक विभाग में *2 बार चयन* 7. *ग्राम सेवक* पद पर चयन *8.आजादी का अमृत महोत्सव** में राजसमंद जिले में *3rd* rank। 9. *Cyber crime awareness* में home ministry द्वारा *भारत* में *3rd* rank। 10. केंद्र सरकार के MyGOV initiative पर " *Change Maker" badge* । 11. नशा मुक्ति अभियान, गोवा गीत प्रतियोगिता में *2nd Rank* । 12. *NSG* मानेसर में आयोजित *अखिल भारतीय संयुक्त युद्धाभ्यास अग्निपरीक्षा 10* में राजस्थान पुलिस का प्रतिनिधित्व। 13. *2nd prize* in the MyGoV reels competition organized by CCRS on MyGoV platform. 14. 15वीं अखिल भारतीय पुलिस special forces compitition में राजस्थान का प्रतिनिधित्व। 15. जिला स्तरीय राजस्व प्रतियोगिता में 7 से अधिक प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थान। ये सभी आपकी प्रतिभा एवं लगन के साक्षी हैं। आपकी यह यात्रा न केवल आपके लिए, अपितु उन सभी युवकों के लिए प्रेरणादायी है जो अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर संघर्षरत हैं। आपकी यह सफलता एक प्रेरणादायी कहानी है, जो हमें याद दिलाती है कि यदि हम दृढ़ संकल्प हों, तो असंभव कुछ नहीं।

आधुनिक हथियारों, विशेष रूप से *6वीं पीढ़ी के स्टेल्थ विमान* , का उपयोग युद्ध में निर्णायक लाभ प्रदान करता है। इतिहास हमें बाबर और राणा सांगा के बीच *खानवा* की लड़ाई (1527) का उदाहरण देता है, जहां बाबर ने तोपखाने का उपयोग करके जीत हासिल की, जबकि राणा *सांगा, जो अधिक वीर और नैतिक रूप से सही* थे, पारंपरिक हथियारों पर निर्भर रहे और हार गए। यह हमें सिखाता है कि नैतिकता और वीरता के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग भी आवश्यक है। रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथ भी शक्तिशाली हथियारों, जैसे *ब्रह्मास्त्र* , की महत्वपूर्णता को रेखांकित करते हैं, जो आधुनिक युग में 6वीं पीढ़ी के स्टेल्थ विमान की तरह उन्नत हथियारों की आवश्यकता को दर्शाता है। भारत के रक्षा प्रमुख के रूप में, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हमारी सेना नवीनतम तकनीक से लैस हो ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखी जा सके। बाबर ने तोपखाने और बारूद का उपयोग करके राणा सांगा की राजपूत सेना को हराया, जो पारंपरिक हथियारों, जैसे तलवार और भाला, पर निर्भर थी। यह लड़ाई हमें सिखाती है कि युद्ध में तकनीकी श्रेष्ठता नैतिकता और वीरता से अधिक निर्णायक हो सकती है। इसके अतिरिक्त, हम रामायण और महाभारत में शक्तिशाली हथियारों, जैसे ब्रह्मास्त्र, का वर्णन है, जो आधुनिक युग में उन्नत सैन्य तकनीक की आवश्यकता को दर्शाता है। खानवा की लड़ाई खानवा की लड़ाई उत्तर भारत में मध्यकालीन इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी, जो बाबर की तैमूरी सेना और राणा सांगा की मेवाड़ की राजपूत सेना के बीच लड़ी गई थी। बाबर ने पहली बार पानीपत की लड़ाई (1526) में लोदी साम्राज्य को हराया था, और फिर राणा सांगा के नेतृत्व में राजपूत गठबंधन का सामना किया। बाबर ने आधुनिक हथियारों, जैसे पैदल-मस्केटियर, फाल्कोनेट्स, और मोर्टार, का उपयोग किया, जो राणा सांगा की सेना के पारंपरिक युद्ध विधियों से कहीं अधिक प्रभावशाली थे। राजपूत सेना, जो तलवार और भाले जैसे हथियारों पर निर्भर थी, बाबर की तोपखाने की शक्ति से अभिभूत हो गई। इस लड़ाई में बाबर की जीत ने मुगल साम्राज्य की नींव मजबूत की। यह लड़ाई उत्तर भारत में बारूद के व्यापक उपयोग वाली प्रारंभिक लड़ाइयों में से एक थी, और बाबर की तोपखाने ने राजपूत सेना को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसमें राजपूती शान दर्शाने के लिए हाथियों का ज्यादा उपयोग किया, जो अधिक स्थावर थे, बाबर ने घोड़ों का ज्यादा उपयोग किया जो अधिक जंगम थे । इससे हाथियों में भगदड़ मच गई। आधुनिक युद्ध और 6वीं पीढ़ी के स्टेल्थ विमान आज के युग में, तकनीकी नवाचारों ने युद्ध की प्रकृति को बदल दिया है। 6वीं पीढ़ी के स्टेल्थ विमान सैन्य तकनीक की अग्रणी हैं, जो उन्नत स्टेल्थ, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, और नेटवर्क युद्ध क्षमताओं से लैस हैं। ये विमान उच्च जोखिम वाले वातावरण में संचालित होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो अप्रतिम परिस्थितिजन्य जागरूकता और हमले की क्षमता प्रदान करते हैं। इन विमानों में शामिल हैं: - टेललेस फ्लाइंग विंग/फ्लाइंग एरोहेड डिज़ाइन, जो रडार हस्ताक्षेप को कम करता है। - कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ डेटा-टू-डिसीजन (D2D) क्षमता। - सुपरसोनिक गति और विस्तारित रेंज, जो प्रशांत जैसे क्षेत्रों में संचालन के लिए उपयुक्त हैं। भारत, एक उभरती वैश्विक शक्ति के रूप में, इन उन्नत सैन्य संपत्तियों के अधिग्रहण और विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि संभावित आक्रामणों को रोक सके और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सके। रामायण और महाभारत रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथ हमें शक्तिशाली हथियारों की महत्वपूर्णता सिखाते हैं। रामायण में, भगवान राम ने रावण को हराने के लिए ब्रह्मास्त्र का उपयोग किया, जो एक अत्यंत शक्तिशाली हथियार था। इसी तरह, महाभारत में, पांडवों के पास विभिन्न दिव्य अस्त्र थे, जो कुरुक्षेत्र युद्ध में उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खानवा की लड़ाई और रामायण-महाभारत के सबक स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि आधुनिक सैन्य तकनीक को अपनाना और उस पर महारत हासिल करना कितना महत्वपूर्ण है। भविष्य में, 6वीं पीढ़ी के स्टेल्थ विमान के विकास और तैनाती को भारत की रक्षा रणनीति में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे हमारी सेना राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित होगी।