
RSS संघ को समझना है तो शाखा में आओ......
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About RSS संघ को समझना है तो शाखा में आओ......
*मैं ओर मेरी पहचान इसका विलोपन ही स्वयंसेवक से कार्यकर्ता होना है उसके बाद मैं हूँ ही नही संघ की संपत्ति हूँ । वो चाहे जैसा जंहा जितना मेरा उपयोग करे फिर भी यदि मैं ओर पहचान तो क्या उसकी मंशा भी बचे तो निर्माण अधूरा ही माने यही एक निष्ठा वन और उत्कृष्ट स्वयंसेवक के विचार होना ही उसकी पहचान है इन्ही अपेक्षाओं के अनुरूप* *समझना है तो संघ की शाखा में आओ* https://www.facebook.com/share/g/18vrDgeNZT/
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*मीठा झूठ बोलने से अच्छा है...कड़वा सच बोला जाए* *इससे आपको सच्चे दुश्मन जरूर मिलेंगे लेकिन झूठे दोस्त नहीं।*

समय समय पर महापुरुष लोग अपनी भावनाएं या संदेश समाज के उत्थान के लिए प्रस्तुत करते रहते हैं। *"हमें महापुरुषों के जीवन आचरण से और उनके विचारों आदि से बहुत अच्छी शिक्षा मिलती है।"* इसी क्रम में *"एक भारतीय महान वैज्ञानिक डॉक्टर विक्रम साराभाई जी"* ने कहा था, कि *"जो भारी कोलाहल में भी संगीत को सुन सकता है, वह महान उपलब्धि को प्राप्त करता है।"* अर्थात *"यदि कोई व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी परिश्रम करेगा, चिंता नहीं करेगा, अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लगातार एकाग्रता पूर्वक पुरुषार्थ करता रहेगा।"* तो इसका अर्थ है, कि *"उसमें अपने लक्ष्य प्राप्ति के प्रति एकाग्रता है। वह इधर उधर की बाधाओं की परवाह नहीं कर रहा, और अपने लक्ष्य की ओर पूरी लगन से लगा हुआ है। ऐसा व्यक्ति अवश्य ही अपने उद्देश्य में सफल हो जाएगा। जैसे भारी शोर शराबे के बीच में भी कोई व्यक्ति, हल्के संगीत को सुन लेता है, और वह उसका लाभ उठा लेता है।"* *"ऐसे महापुरुषों की प्रेरणा से हमें तथा आप को भी लाभ उठाना चाहिए, और उनसे उत्साह प्राप्त करके अपने जीवन का कोई उत्तम लक्ष्य बनाकर उसकी प्राप्ति के लिए पूरा पुरुषार्थ करना चाहिए। यदि हम और आप ऐसा करेंगे, तो इससे हमारा और आपका जीवन सफल और आनंदित हो जाएगा।"*


*ग्राउंड जीरो पर RSS के स्वयंसेवक, सड़क और हॉस्पिटल में संभाला मोर्चा*