Chandra Shekhar Aazad
January 29, 2025 at 04:18 PM
प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने कहा था कि मैं चाहता हूँ 'हवाई जहाज में हवाई चप्पल वाले भी सफर कर सकें।'
प्रयागराज में कुम्भ के आयोजन के दौरान विमानन कंपनियों द्वारा हवाई किराए में बेतहाशा वृद्धि ने यात्रियों के लिए संकट पैदा कर दिया है। सामान्य श्रेणी के किराए को 700 प्रतिशत तक बढ़ाकर कंपनियों ने यात्रियों का शोषण किया है। नई दिल्ली से प्रयागराज का किराया ₹31,000 तक पहुँच चुका है, जबकि नई दिल्ली से लंदन का किराया केवल ₹24,000 है। यह अन्यायपूर्ण और असंगत किराए सरकार की खामोशी और उदासीनता की ओर इशारा करता है। ये सरकार द्वारा विमानन कंपनियों को लूट की खुली छुट है।
विमानन कंपनियों द्वारा की जा रही इस खुली लूट पर सरकार की चुप्पी बेहद निराशाजनक है। यह स्पष्ट रूप से यात्रियों के शोषण का मामला है। हम सरकार से मांग करते हैं कि—
1. हवाई किराए की अधिकतम सीमा तय की जाए, ताकि आम जनता को राहत मिले।
2. एयरलाइंस कंपनियों को किराया निर्धारण में पारदर्शिता अपनाने के लिए बाध्य किया जाए।
3. सस्ती उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे हवाई यात्रा वाकई सबके लिए सुलभ हो।
4. इस मुद्दे पर संसद में बहस कराई जाए और एयरलाइंस कंपनियों से जवाब मांगा जाए।
पीएम मोदी जी ने "उड़े देश का आम नागरिक" (UDAN) योजना की शुरुआत इस उद्देश्य से की थी कि छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ा जाए और किफायती किराए में आम लोगों को हवाई यात्रा की सुविधा मिले। लेकिन आज वास्तविकता इसके बिल्कुल उलट हो गई है। UDAN योजना का उद्देश्य यह था कि आम नागरिक भी 2500 रुपये प्रति घंटे रुपये के सस्ते किराए में उड़ान भर सके, लेकिन अब तो *घरेलू उड़ानों के किराए ने अंतरराष्ट्रीय किराए को भी पीछे छोड़ दिया है। यह सरकार की नीतियों और जमीनी हकीकत के बीच की गहरी खाई को दिखाता है।
जब सरकार रेलवे में किराया नियंत्रण कर सकती है, पेट्रोल-डीजल के दाम तय कर सकती है, तो हवाई किराए पर अंकुश लगाने से क्यों पीछे हट रही है? क्या सरकार कुछ कॉरपोरेट्स के हितों की रक्षा के लिए जनता की जेब काटने देगी?
विमानन कंपनियों की इस लूट के खिलाफ मैंने लोकसभा में आवाज उठाई थी, और आज फिर मैं सरकार से पूछना चाहता हूँ— वह मुनाफाखोरी के साथ खड़ी है या देश की आम जनता के साथ?
@mygovindia @RamMNK
@DGCAIndia
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