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February 4, 2025 at 06:04 PM
▪️ *हाल ही में RBI द्वारा डिजिटल पेमेंट इंडेक्स (RBI-DPI) जारी किया गया है।📍📍*
सूचकांक की मुख्य विशेषताएँ
मात्रा के आधार पर: डिजिटल पेमेंट का कुल मूल्य वर्ष 2018 में ₹5.86 लाख करोड़ से बढ़कर वर्ष 2024 में ₹246.83 लाख करोड़ हो गया है।
CAGR: डिजिटल भुगतान में पाँच वर्ष की CAGR के साथ क्रमशः मात्रा और मूल्य के संदर्भ में 89.3 प्रतिशत और 86.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
*यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI):* UPI ने भारत के डिजिटल भुगतान विकास में सर्वाधिक योगदान दिया, देश के डिजिटल भुगतान में इसकी हिस्सेदारी वर्ष 2019 में 34 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2024 में 83 प्रतिशत हो गई।
पिछले पाँच वर्षों में यह 74 प्रतिशत की उल्लेखनीय CAGR (संचयी औसत विकास दर) के साथ बढ़ी।
मात्रा: UPI लेन-देन की मात्रा वर्ष 2018 में 375 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2024 में 17,221 करोड़ हो गई।
*अन्य भुगतान प्रणालियों की हिस्सेदारी:* RTGS, NEFT, IMPS, क्रेडिट कार्ड एवं डेबिट कार्ड की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत से गिरकर 17 प्रतिशत हो गई।
*वृद्धि का कारण:* RBI-DPI सूचकांक में वृद्धि इस अवधि के दौरान संपूर्ण देश में भुगतान संबंधी बुनियादी ढाँचे एवं भुगतान में वृद्धि से प्रेरित थी।
*डिजिटल पेमेंट इंडेक्स (RBI-DPI)* 📍
यह देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का आकलन करने वाला एक सूचकांक है।
सूचकांक अर्द्ध-वार्षिक आधार पर जारी किया जाता है।
लॉन्च: RBI 1 जनवरी, 2021 से समग्र RBI-DPI प्रकाशित कर रहा है।
आधार वर्ष: मार्च 2018 को आधार वर्ष के रूप में प्रयोग किया जाता है एवं DPI स्कोर 100 निर्धारित किया गया है।
पैरामीटर्स: यह विभिन्न अवधियों में डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता और गहनता का मापन करता है। ये है-
भुगतान सक्षमकर्ता (भार 25 प्रतिशत): इसमें इंटरनेट, मोबाइल, आधार, बैंक खाते, प्रतिभागी एवं व्यापारी शामिल हैं।
भुगतान अवसंरचना (माँग पक्ष कारक (10 प्रतिशत): डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, PPI, फास्टैग, मोबाइल एवं इंटरनेट बैंकिंग।
भुगतान अवसंरचना (आपूर्ति-पक्ष कारक (15 प्रतिशत): बैंक शाखाएँ, व्यवसाय करेंसपोंडेंट, ATM, PoS टर्मिनल, QR कोड एवं मध्यस्थ।
भुगतान प्रदर्शन (45 प्रतिशत): डिजिटल भुगतान प्रणाली- मूल्य, अद्वितीय उपयोगकर्ता, पेपर क्लियरिंग, प्रचलन में मुद्रा एवं नकद निकासी।
उपभोक्ता केंद्रितता (5 प्रतिशत): जागरूकता एवं शिक्षा, शिकायतें, धोखाधड़ी एवं प्रणालीगत असफलता।
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