The Muslim
January 27, 2025 at 02:51 PM
एक मुस्लिम लड़की ने गैर-मुस्लिम लड़के से शादी कर धर्म बदला, वजह केवल मोबाइल
आज 12 जनवरी 2025 को जब मैं दारुल उलूम ग़ौसिया एजुकेशनल सेंटर, अंबाटांड, कोडरमा पहुंचा और मोबाइल चेक किया, तो व्हाट्सएप के एक ग्रुप में यह ख़बर देखी कि एक मुस्लिम लड़की (नुसरत खातून) ने एक गैर-मुस्लिम लड़के (धीरज सिंह) से शादी कर ली। पूरी जानकारी वीडियो के जरिए पता चली कि यह लड़की कोडरमा से 5-10 किलोमीटर दूर मंझला नगर की रहने वाली है। यह सुनकर मेरा दिल बहुत दुखी हो गया।
मैंने तुरंत मौलाना मजहर जिया मिस्बाही और कारी अयूब रज़ा नूमानी से कहा कि चलकर लड़की के घर का हाल लिया जाए। जब दारुल उलूम में छुट्टी हुई, तो हम तीनों एक मोटरसाइकिल पर लड़की के घर पहुंचे। वहां जाकर देखा कि लड़की के पिता बहुत ही ग़मगीन थे।
हमने उनके हालचाल पूछे और घटना की जानकारी ली। लड़की के पिता ने बताया कि उनकी बेटी पिछले तीन साल से स्कूल नहीं जा रही थी। वह पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ती थी और घर पर क़ुरान की तिलावत करती थी। उसने अपनी मां को भी नमाज़ सिखाई थी।
जब हमने पूछा कि क्या आप ने उसे मोबाइल दिया था, तो उन्होंने बताया कि घर में एक बड़ा मोबाइल है, जिसका वह नात और तक़रीर सुनने के लिए इस्तेमाल करती थी। हमने तुरंत मोबाइल मांगा और जांच शुरू की। मोबाइल में Snapchat नाम की एक ऐप दिखी। जब हमने चेक किया तो एक कॉन्टैक्ट “Besty” नाम से सेव था। उसमें वही लड़का धीरज सिंह निकला।
इसके बाद हमें समझ आया कि यह घटना न स्कूल की वजह से हुई, न कहीं बाहर जाने की वजह से, बल्कि यह सिर्फ मोबाइल और Snapchat जैसे एप्लिकेशन की वजह से हुआ। मौलाना मजहर जिया मिस्बाही ने बताया कि यह ऐप बहुत ख़तरनाक है और इससे आईडी के साथ नंबर भी जुड़ा होता है।
हमने यह सारी बातें लड़की के पिता को बताईं। यह सुनकर वह बहुत रोने लगे और पूछने लगे कि क्या क़यामत के दिन हमसे इस बारे में सवाल होगा? हमने उन्हें समझाया कि आपने अपनी बेटी को दीन की तालीम दी थी, उसे बाहर नहीं जाने दिया। अगर वह चोरी-छुपे मोबाइल इस्तेमाल करती थी, तो इसका इल्ज़ाम आप पर नहीं आएगा।
क़ुरान शरीफ़ में है:
“अल्ला तज़िरु वाज़िरतुं विज़्रा उख़रा”
(कोई भी व्यक्ति दूसरे का गुनाह नहीं उठाएगा)।
हमने उन्हें सब्र रखने की नसीहत की और यह भी कहा कि अल्लाह तआला इस मुश्किल को आसान करेगा।
निष्कर्ष:
यह घटना हमें सिखाती है कि मोबाइल, खासकर Snapchat जैसी खतरनाक ऐप्स का बच्चों पर गहरा असर हो सकता है। जो लड़की दीन की पाबंद थी, उसने मोबाइल के चलते इतना बड़ा कदम उठाया।
मैं तमाम मुस्लिम परिवारों से गुज़ारिश करता हूं कि अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखें और इस पर कड़ी नज़र रखें। इसी में दुनिया और आख़िरत की भलाई है।
- मोहम्मद नौशाद आलम अमजदी
दारुल उलूम ग़ौसिया एजुकेशनल सेंटर, अंबाटांड, कोडरमा, झारखंड
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