Purnea University PU 🇮🇳
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January 21, 2025 at 06:56 AM
*आप लोग नहीं सुने होंगे कि बिहार में कुछ भी हो सकता है लेकिन पूर्णिया यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है पूर्णिया विश्वविद्यालय में रोज नई-नई गड़बड़ी सामने आ रही है। फर्जी प्रोफेसर सुरेश यादव का मामला थमा भी नहीं था कि अब नई गड़बड़ी मार्क्सशीट में फर्जीवाड़े की आ गई है। अगर आप सुबह में सेकेंड क्लास से पास हैं तो शाम में फर्स्ट क्लास से पास हो जाएंगे। सुनकर थोड़ा आश्चर्य जरूर होता है, लेकिन यही हकीकत है। विश्वविद्यालय से कई छात्रों को एक ही तिथि में दो तरह के मार्क्सशीट जारी हुए हैं। दैनिक भास्कर के अनुसार यह सबकुछ 2018 में विश्वविद्यालय के स्थापना काल से ही चल रहा है। 2018-21 के सेशन में सीरियल नंबर 272784 से जारी किए गए सर्टिफिकेट में जिस छात्र को सब्सिडियरी में शून्य अंक प्राप्त हुए हैं, उनको फर्स्ट क्लास में पास दिखाते हुए सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। इसी तरह 2020-23 के सत्र में सीरियल नंबर 232882 से पहला सर्टिफिकेट जारी किया गया। इसमें छात्र का रिजल्ट सेकेंड क्लास बताया गया। सीरियल नंबर 250317 से ठीक उसी छात्र का उसी सत्र के लिए दूसरा सर्टिफिकेट जारी किया गया, जिसमें उसे फर्स्ट क्लास का मार्क्सशीट दे दिया गया। इन तीनों मार्क्सशीट का प्रकाशन 28 अगस्त 2023 को किया गया वर्तमान और पूर्णिया यूनिवर्सिटी में जारी हुए फर्जी सर्टिफिकेट पर वर्तमान और पूर्व परीक्षा नियंत्रक के हस्ताक्षर हैं। कुछ ऐसे भी सर्टिफिकेट सामने आए हैं, जो सिर्फ परीक्षा नियंत्रक के ही हस्ताक्षर से जारी किए हैं, लेकिन परीक्षा नियंत्रक इसे फर्जीवाड़ा मानने को तैयार नहीं हैं। उनकी नजरों में ऐसे सर्टिफिकेट के लिए कॉलेज प्रशासन जिम्मेदार है। हालांकि यह सवाल उठाने पर वे चुप्पी साध ले रहे हैं कि सर्टिफिकेट जारी करना विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग का काम है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान परीक्षा नियंत्रक एके पांडेय के अनुसार 2024 में पदभार संभाला है। ऐसे में सवाल उठता है कि सत्र 2018-21 व 2020-23 सत्र में जारी हुए प्रमाण-पत्र पर उनके हस्ताक्षर परीक्षा नियंत्रक के रूप में सर्टिफिकेट पर कैसे आए?* *जय हो परीक्षा नियंत्रक* *जय हो पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन*
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