D.E.O Office ✅️
February 12, 2025 at 04:07 AM
चालाक व्यापारी की बेटी
एक गाँव में एक व्यापारी रहता था। उसकी एक सुंदर और बुद्धिमान बेटी थी। एक दिन व्यापारी पर बहुत बड़ा कर्ज चढ़ गया। यह कर्ज गाँव के ही एक धूर्त और लोभी साहूकार का था। जब व्यापारी कर्ज़ चुकाने में असमर्थ रहा, तो साहूकार ने एक षड्यंत्र रचा।
उसने पूरे गाँव को इकट्ठा किया और व्यापारी के घर पहुँचकर कहा,
"अगर तुम मेरा कर्ज़ नहीं चुका सकते, तो अपनी बेटी की शादी मुझसे कर दो!"
व्यापारी मजबूर था और चुपचाप खड़ा रहा। उसकी बेटी यह सब भीतर से सुन रही थी। कुछ देर बाद साहूकार ने एक और शर्त रखी।
"मैं एक थैली में एक सफेद और एक काला पत्थर डालूँगा। तुम्हारी बेटी को उनमें से एक पत्थर निकालना होगा।
अगर उसने सफेद पत्थर निकाला, तो कर्ज़ माफ़ हो जाएगा और शादी की कोई बात नहीं होगी।
लेकिन अगर काला पत्थर निकला, तो कर्ज़ माफ़ होगा लेकिन उसे मुझसे शादी करनी पड़ेगी।"
लड़की ने यह चुनौती स्वीकार कर ली। लेकिन उसने ध्यान दिया कि साहूकार ने धोखे से दोनों काले पत्थर थैली में डाल दिए थे।
अब लड़की असमंजस में थी—अगर वह कोई भी पत्थर निकालती, तो काला ही निकलता और उसे उस निर्दयी आदमी से शादी करनी पड़ती। लेकिन अगर वह इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश कर देती, तो कर्ज़ भी नहीं माफ़ होता और साहूकार बदला लेने पर उतर आता।
लड़की की बुद्धिमानी
लड़की ने थैली में हाथ डाला, एक पत्थर निकाला और जानबूझकर उसे ज़मीन पर गिरा दिया।
"अरे, यह पत्थर तो गिरकर बाकी पत्थरों में मिल गया! अब कैसे पता चलेगा कि मैंने कौन-सा पत्थर निकाला था?"
उसने तुरंत सुझाया, "थैली में जो दूसरा पत्थर बचा है, वही देख लो! अगर वह काला है, तो इसका मतलब मैंने सफेद पत्थर निकाला होगा!"
गाँववालों ने थैली में देखा—उसमें सिर्फ काला पत्थर था! इसका मतलब यह था कि लड़की ने सफेद पत्थर निकाला था।
नतीजा
साहूकार का धोखा किसी को समझ में नहीं आया।
व्यापारी का कर्ज़ माफ़ हो गया।
लड़की को उस लालची आदमी से शादी नहीं करनी पड़ी।
सीख:
जब ज़िंदगी में परिस्थितियाँ विपरीत हों और कोई आपका फायदा उठाने की कोशिश करे, तो घबराने के बजाय बुद्धिमत्ता और धैर्य से हल निकालें।
"समुद्र की तरह शांत रहो, लेकिन उसकी गहराई जितना ज्ञान रखो!"
---
❤️
👍
🙏
😢
26