
Hindi Grammar Vyakaran Sahitya UGC NET JRF CSIR NET CTET DSSSB KVS Arun Vivek Sir Himanshi Singh
February 10, 2025 at 05:44 AM
*हिंदी व्याकरण - अनेकार्थी शब्द PART 01*
अनेकार्थी से अभिप्राय है – *एक से अधिक अर्थ देने वाला* । इस प्रकार जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें “अनेकार्थी शब्द” कहते हैं।
अपेक्षा- इच्छा, आवश्यकता, आशा।
अंक- चिन्ह संख्या, गोद, भाग्य, गिनती के अंक, नाटक के अंक।
अंबर- आकाश,अमृत, वस्त्र।
अनंत- आकाश, ईश्वर, विष्णु, अंतहीन, शेष नाग।
आराम- बाग, विश्राम, रोग का दूर होना।
अर्थ- मतलब, कारण, लिए, भाव, अभिप्राय, धन, आशय, प्रयोजन।
अवकाश- छुटटी, अवसर, अंतराल।
अतिथि- मेहमान, साधु, यात्री, अग़्नि, यज्ञ में सोमलता लाने वाला, राम का पोता या कुश का बेटा।
आम- आम का फल, सर्वसाधारण, मामूली, सामान्य।
अन्तर- शेष, दूरी, हृदय, भेद।
आराम- विश्राम, निरोग होना।
काम- वासना, कामदेव, कार्य, पेशा, धंधा।
काल- समय, मृत्यु, यमराज।
कनक- सोना, धतूरा, गेंहूँ।
कर- हाथ, टैक्स, किरण, सूंड।
कला- अंश, किसी कार्य को अच्छी तरह करने का कौशल।
कुशल- खैरियत, चतुर।
कल- बीता हुआ दिन, आने वाला दिन, मशीन।
खग- पक्षी, तारा, गन्धर्व, बाण।
खर- दुष्ट, गधा, तिनका, एक राक्षस।
खल- दुष्ट, धतूरा, दवा कूटने का खरल।
गुण- कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, धनुष की डोरी।
गण- समूह, मनुष्य, भूतप्रेतादि, शिव के गण, पिंगल के गण।
गुरु- शिक्षक, ग्रहविशेष, श्रेष्ठ, बृहस्पति, भारी, बड़ा, भार।
गति- चाल, दशा, मोक्ष, हालत।
गौ- बाण, आँख, वज्र, गाय, स्वर्ग, पृथ्वी, सरस्वती, सूर्य, बैल।
*घन*- बादल, अधिक, घना, गणित का घन, पिण्ड, हथौड़ा ।
*जलधर*- बादल, समुद्र।
*जाल*- बुनावट, धोखा, जाला।
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