The Bihar Teachers✅
February 12, 2025 at 02:35 AM
*ट्रांसफर-पोस्टिंग में शिक्षकों का कोड जारी होगा*
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■ अनामिका
मुजफ्फरपुर। ट्रांसफर-पोस्टिंग में मुख्यालय से जिलों को शिक्षकों का नाम नहीं बल्कि कोड जारी किया जाएगा।
यह कोड ही संबंधित शिक्षक की पहचान होगी। किस शिक्षक का कौन सा कोड है, यह मुख्यालय से आवेदन सबमिट करने वाले अधिकारियों को भी नहीं पता होगा। न ही जिले के अधिकारियों को उस कोड से संबंधित शिक्षक की पहचान मिलेगी। ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए बनाए गए नए सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह प्रक्रिया
होगी। अगले सप्ताह से इसके लिए जिलों को कोड भेजा जाना शुरू होने की संभावना है। शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए सभी जिलों से आवेदन मांगा गया था। विभाग की निर्धारित गाइडलाइन के तहत आवेदनों की स्क्रूटनी को लेकर राज्य में 18 अधिकारियों की कमेटी बनाई गई। यह कमेटी जिन आवेदनों को नियम के तहत ठीक पाएगी, उन्हें ही जिलों को भे जाएगा।
डीईओ अजय कुमार सिंह ने बताया कि ट्रांसफर के लिए राज्य स्तर से अनुमति प्राप्त आवेदनों को जिलों को भेजा जाएगा। संबंधित शिक्षक का विकल्प के लिए दिए गए पंचायतों-निगमों केअनुसार जिलों में कोड आएगा। इसमें स्कूल का नाम नहीं होगा। शिक्षकों के दिए गए विकल्पों में संबंधित जिले के उसी निगम या पंचायत में विद्यालयों की रिक्ति के आधार पर ही ट्रांसफर होगा। मुजफ्फरपुर जिले में तीन हजार से अधिक रिक्ति है। डीईओ ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर जैसे-जैसे
आवेदन आएगा, पदस्थापन कर आगे के आवेदन पर फिर वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। संबंधित शिक्षक के दिए गए निगम या पंचायम में विद्यालय में रिक्ति नहीं है तो उसे दूसरे विकल्प वाले जिले में भेजा जाएगा। पदस्थापन की प्रक्रिया होने के बाद ही कोड की जगह पर शिक्षकों का नाम आएगा।
*मनचाही पोस्टिंग नहीं मिलने पर इनकार से फंस सकता है मामला*
किसी विद्यालय में रिक्ति पर एक शिक्षक की पोस्टिंग हो जाती है और उसके पहले स्कूल में रिक्ति बन जाती है, जिसपर किसी दूसरे शिक्षक की पोस्टिंग होती है लेकिन पहले वाले शिक्षक मनचाहा स्कूल नहीं मिलने पर वहां जाने से इनकार करते हैं तो मामला फंस सकता है। डीईओ ने कहा कि कोड से शिक्षकों की पहचान नहीं होगी और इससे ट्रांसफर के पारदर्शिता बनी रहेगी।
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