कविताएँ और साहित्य 🥀
कविताएँ और साहित्य 🥀
February 2, 2025 at 04:17 AM
वर दे, वीणावादिनि वरदे! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे! काट अंध-उर के बंधन-स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर; कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे! नव गति, नव लय, ताल-छंद नव, नवल कंठ, नव जलद-मंद्ररव; नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर दे! ___ आप सभी को वसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌺 ( चित्रकार : राजा रवि वर्मा ) #vasantpanchami #saraswatipuja
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