SELF REALIZATION, THROUGH GOD REALIZATION ✅
February 14, 2025 at 12:33 AM
*संपूर्ण हरदेव वाणी*
*शब्द संख्या 92*
*इक तू ही निरंकार*
*ऐ मन मेरे सुमिरण कर ले सुमिरण से सुख आयेगा।*
*घेरेंगे न संकट तुझ को भवसागर तर जायेगा।*
*दम दम पल छिन नाम का जो जन करता अमृत पान है।*
*ऐसे जन को जग में साधो मिलता जीवन दान है।*
*सुमिरण वो औषधि है इसको नित नित जो अपनायेगा।*
*आधि व्याधि के सब रोगों से रोगी मुक्ति पायेगा।*
*सुमिरण से जब इन सांसों की जुड़ जाती हर तार है।*
*प्राणों में फिर होने लगता भक्ति का संचार है।*
*अनहद का सुमिरण भी साधो अनहद ही कहलाता है।*
*अनहद से जो मिलता आनंद अनहद ही हो जाता है।*
*ऊठत बैठत सोवत जागत सुमिरण करते जाना है।*
*कहे ‘हरदेव’ विरथा कोई स्वास न एक गंवाना है।*
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