SELF REALIZATION, THROUGH GOD REALIZATION ✅
February 14, 2025 at 12:36 AM
*संपूर्ण हरदेव वाणी*
*शब्द संख्या 90*
*इक तू ही निरंकार*
*ऐ मन सुमिरण कर सुमिरण ही जीवन का आधार है।*
*सुमिरण करने वाला जन ही भव से होता पार है।*
*जैसे जल में मछली ऐसे निरंकार में वास तेरा।*
*इसका हो अहसास तुझे और डोले न विश्वास तेरा।*
*पल पल तू भयभीत होगा हरि को जो विसरायेगा।*
*हरि का सुमिरण करने से ही भय से मुक्ति पायेगा।*
*तेरी रक्षा करने वाला अंग संग ये निरंकार है।*
*इसका ही सहारा तूने लेना बारम्बार है।*
*सुमिरण की कमी न आये स्वास स्वास में सुमिरण हो।*
*कहे ‘हरदेव’ तन मन जीवन सब मालिक को अर्पण हो।*
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