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February 7, 2025 at 02:24 PM
“सर्वं परवशं दुःखं, सर्वमात्मवशं सुखम्।”
(दूसरों पर निर्भरता दुःख का कारण है, और आत्मनियंत्रण सुख का स्रोत है।)
हम अक्सर बाहरी परिस्थितियों को अपने सुख-दुःख का आधार बना लेते हैं, लेकिन असली सुख आत्मनियंत्रण में है। जब हम अपने मन, विचारों और प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करना सीख जाते हैं, तब कोई भी परिस्थिति हमें विचलित नहीं कर सकती।
कैसे जीवन को अधिक सहज बनाएं?
• अनावश्यक प्रतिक्रियाओं से बचें – हर स्थिति पर प्रतिक्रिया देना आवश्यक नहीं। कभी-कभी शांति सबसे बड़ी शक्ति होती है।
• स्वयं पर केंद्रित रहें – दूसरों की तुलना में नहीं, अपने व्यक्तिगत विकास पर ध्यान दें।
• ध्यान और आत्मचिंतन अपनाएं – यह हमें अंदर से मजबूत बनाता है।
आइए, इस सप्ताह एक छोटा-सा संकल्प लें—बाहरी घटनाओं से प्रभावित हुए बिना, अपने भीतर स्थिरता लाने का प्रयास करें।
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