AIRTU ALL ZONE OFFICIAL / ALL INDIA RAILWAY Trackmaintainer UNION Official Channel
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                January 30, 2025 at 10:48 AM
                               
                            
                        
                            *आप लोग कहानी पूरा पढ़ें अच्छा लगे तो जरूर शेयर करें*
Share share share share share share
आज मैं आपके सामने कुछ नये जमाने की नई कहानी लेकर आई हूं❗नये परिस्थिति (context)  
मे समझने की कोशिश करके देखते है❗
सोचो अगर एक कुत्ते मे और गधे मे दौड़ की रेस लग जाय तो कौन जीतेगा❓
स्वाभाविक है कुत्ते की 
जीत ही होगी❗
#कहानी
एक दिन एक गघा और एक कुत्ते मे सिहासन पर बैठने के काबिलियत पर बहस छिड़ गई .....❗
सारे पढ़े लिखे और समझदार प्राणियो ने कुत्ते मे ही योग्यता पाई❗
पर मामला सुलझ नही पाया❗
फिर एक गधो के मुखिया ने एक प्रस्ताव रखा ......❗
"चलो आज हमारे एक गधे मे और एक कुत्ते मे दौडने की रेस की जाय -❗
दोनो एक साथ दौड लगाएगे और दस मील के दूरी पर दो गांव खत्म होने के बाद - खुले मैदान मे एक सिंहासन रखा है - जो पहले भागकर दोनो गांवो को पार कर लेगा और सिंहासन पर जाकर बैठ जायेगा - सिहासन पर ऊसी का हक होगा "❗
प्रस्ताव मंजूर हो गया - ❗
1~ 2 ~ 3 रेस शुरू हो गई❗
सारे प्राणी वर्ग पीछे चलते हुए 
सिहासन की ओर चल पडे❗
कुछ वक्त के बाद सारे प्राणी सिहासन जहाॅ रखा था वहां पर जाकर पहुंचे और सिंहासन पर बैठे अपने 'राजा का' दर्शन करने लगे❗
'सिहासन पर' गधा विराजमान था❗
'सिहासन गधे ने जीता था'❗
सारे प्राणी अपने 'राजा' को देख कर नाचने लगे❗ जय जयकार करने 
लगे❗
समझदार प्राणी यह समझ नही पाए और वे हारे हुए कुत्ते के पास जाकर ऊसके हार की वजह पूछने लगे❗ 
कुत्ते ने गंभीर स्वर मे हकीकत बया की ..........❗
"रेस शुरू होते ही मै बड़ी जोर से भागने लगा -----मेरे मुहल्ले से होते हुए मै दुसरी मुहल्ले मे पहुंचा - गधा तो बहुत पीछे था - नजर भी नही आ रहा था - परंतु अचानक बाजू के 
मुहल्ले मे रहने वाले कुत्ते मेरे पीछे काटने के लिए आ गये - मै जान बचाकर कोशिश करके बडे़ प्रयास से बाहर निकल पडा - यह सिलसिला हर आने वाले मुहल्ले मे मुझे झेलना पड़ा - इस दौरान गधा आराम से आगे निकल गया❗ - गधे को रोकनेके लिए या विरोध करने के लिए एक भी गधा नही था - सारे गधे उसे आगे जाने को प्रेरित कर रहे थे -सारे गधो मे एक संघ की भावना थी - मैने यह भी देखा के सारे गधो को काबीलियत की कोई चिंता 
नही थी - 
और दुसरी ओर सब कुत्ते हर एक कुत्ते मे काबिलियत है इस विश्वाससे सही तरह से दौडने वाले कुत्ते के राह मे रोड़ा बन बैठे - 
सारे गधे अनंत काल से कुत्तो की कमजोरी जानते थे और इसी तरह कपट से हर वक्त यह रेस का आयोजन होता आ रहा है और गधे सिंहासन पर बैठते रहे हैं❗  
यह कहानी बार बार होती रही सालो सें❗
कुत्ते की बात सुनकर समझदार कुत्ते आपनी गलती समझ गये ---❗
ये कहानी जानवरों पर जरुर है, पर यही कहानी हमारे ट्रैकमैन पर भी लागू होती है❗
जब भी हमारे ट्रैकमैन का कोई व्यक्ति या अपने हक और अधिकार के लिए आगें बढ़ने के बारे में सोचता या बढ़ता है तो बाहरी कम और हमारे ट्रैकमैन के लोग उसकी टांग खीचने लगते हैं❗
   "खुद में काबियत हो न हो, पर दूसरे को बढ़ता हुआ नही देख सकते हैं"❗
    कुछ लोगों को हो सकता है मेरी बात भी बुरी लगे, पर सच्चाई यही है "हमारे ट्रैकमैन में बहुत नेता बने बहुत सफल हुए बहुत असफल हुए, पर हुआ क्या वही ढाक के पात❗
-----------------------
आप सभी से अपेक्षा हैं के आपको यह कहानी पसंद आई हो❗
धन्यवाद !
Please share all groups
                        
                    
                    
                    
                    
                    
                                    
                                        
                                            👍
                                        
                                    
                                        
                                            ❤️
                                        
                                    
                                        
                                            🙏
                                        
                                    
                                    
                                        12