Aam Aadmi Party
February 16, 2025 at 07:11 AM
*मरना हमारी नियति बन गई है।*
*कभी नोटबंदी के बाद लाइन में मरना है।*
*कभी करोना की महामारी में मरना है।*
*कभी ट्रेन के एक्सीडेंट तो कभी रोड एक्सीडेंट में मरना है। कभी रोज़गार माँगने पर तो कभी फसल का दाम माँगने पर पुलिस की लाठी से मरना है।*
*कभी फ़्लाइओवर टूटने पर कभी पुल टूटने पर मरना है। कभी कुंभ के मेले में मरना है।*
*कभी प्लेटफार्म की भगदड़ में मरना है।*
*मरने के बाद मरने वालों की संख्या छिपाई जाएगी , उनको मोक्ष मिल गया बताया जायेगा।*
*आप आलोचना के एक शब्द भी नही बोल सकते क्योंकि आपने 2014 में इंसान नही अपने लिए भगवान चुन लिया है और भगवान की आलोचना तो की नही जाती।*
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