Bahujan Hitaya Book Store.link
Bahujan Hitaya Book Store.link
February 7, 2025 at 05:28 AM
*Ramabai Ambedkar Birth Anniversary* *रमाबाई की जयंती, जानिए भीमराव अंबेडकर की पत्नी के बारे में कुछ रोचक तथ्य* बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पत्नी रमाबाई अंबेडकर की आज जंयती है। रमाबाई भीमराव अंबेडकर का जन्म 7 फरवरी 1898 को एक गरीब दलित परिवार में हुआ था।। महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव दाभोल में जन्मीं रमाबाई अंबेडर को रमई या माता रमई भी कहा जाता है। बाबासाहेब अम्बेडकर का जीवन रमाबाई से काफी प्रभावित था। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में काफी मदद की। उन्होंने सामाजिक न्याय और सुधार के लिए उनके प्रयासों का भी समर्थन किया। रमाबाई भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जानते हैं उनके बारे में कुछ रोचक तथ्य... 1898 में जन्मीं रमाबाई भीमराव अंबेडकर के पिता का नाम भीकू धात्रे और माता का नाम रुक्मिणी था। उनके पिता कुली का काम करते थे और अपने परिवार का पालन पोषण बड़ी मुश्किल से कर पाते थे। रमाबाई के पिता दाभोल बंदरगाह से मछली की टोकरी को बाजार तक ढोकर परिवार की आजीविका चलाते थे। रमाबाई ने अपने माता पिता को बहुत जल्द ही खो दिया था। इसके बाद उन्हें और उनके भाई-बहनों गोराबाई, मीराबाई और शंकर को उनके चाचा मुंबई लेकर आ गए और पालन पोषण किया।1906 में भायखला बाजार में बाबासाहेब अम्बेडकर से रमाबाई की शादी हुई। शादी के समय रमाबाई अंबेडकर नौ साल की थीं और बाबा साहेब 15 साल के थे। रमाबाई अपने पति भीमराव अंबेडकर को प्यार से साहेब कहकर बुलाती थीं और पति अंबेडकर उनको रामू कहते थे। रमाबाई ने अम्बेडकर की महत्वाकांक्षाओं का पूरा समर्थन किया और उन्होंने उन्हें विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। जब बाबा साहेब अपनी पढ़ाई के लिए विदेश में थे, तो उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्हें अपने लक्ष्यों को पूरा करने से कभी नहीं रोका। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने इसकी भनक तक बाबा साहेब अम्बेडकर को नहीं लगने दीं। बाबासाहेब जब विदेश में थे, तो भारत में रमाबाई को काफी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। फिल्म निर्माता सुनील शर्मा ने बताया है कि वह गोबर के उपले बनाती थीं और उन्हें अपने सिर पर ले जाती थीं। वह खाना बनाने के लिए इसका इस्तेमाल करती थीं। वह अंबेडकर को विदेशों में डॉक्टरेट ऑफ साइंस सहित दुनिया की सर्वोच्च शैक्षणिक डिग्री प्राप्त करने में मदद करती थीं। भीमराव अंबेडकर और रमाबाई की एक बेटी (इंदु) और चार बेटे (यशवंत, गंगाधर, रमेश और राजरत्न) थे, लेकिन उनके चार बच्चों की मौत हो गई। उनके सबसे बड़े बेटे यशवंत एकमात्र जिंदा बचे। लंबी बीमारी के बाद रमाबाई अम्बेडकर का 26 मई 1935 को निधन हो गया। जब उनका निधन हुआ, तो भीमराव अंबेडकर और रमाबाई की शादी के 29 साल हुए थे। बाबासाहेब अम्बेडकर ने 1940 में प्रकाशित “थॉट्स ऑफ पाकिस्तान” नाम की अपनी पुस्तक में अपने जीवन पर रमाबाई के प्रभाव को स्वीकार किया था। उन्होंने अपनी पुस्तक 'थॉट्स ऑन पाकिस्तान' को अपनी प्यारी पत्नी रमाबाई को समर्पित किया। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है कि मामूली भीमा से डॉ. अंबेडकर बनाने का श्रेय रमाबाई को जाता है।
🙏 ❤️ 👍 💙 😢 16

Comments