Urdu Safar Channel
February 1, 2025 at 07:27 AM
हमने खोल दिये मस्जिद के दरवाज़े,
जहां तुम शौर मचाते थे लेकर गाजे बाजे ।
ना परेशानी का सामना करें श्रद्धा लु ,
नफरत को हराया हमने प्यार के आगे
बात बात पर नफरती बाते करने वाले
कहां सो गये जो अभी तक नहीं जागे ।
आज वक्त आया कुछ कर गुजरने का,
तो यह नफरती चिंटू मैदान छोड़ भागे
वक्त गुजर ने दो ये फिर बलगलायें गे,
सांप के बिल से यह फिर निकल आयें गे ।
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