
Urdu Safar Channel
February 1, 2025 at 05:06 PM
इन्ना लिल्लाही ब इन्ना इलाही राजिउन
ज़किया जाफ़री नहीं रहीं, वो अपनी बूढ़ी आंखों में इंसाफ़ की उम्मीद लिए इस दुनिया को अलविदा कह गईं। इतिहास ज़किया का शुमार भारत की ताक़तवर महिलाओं में करेगा। पूरे देश ने देखा कि कैसे एक बूढ़ी महिला ने इंसाफ़ के लिए संघर्ष किया, वो डरी नहीं! डरती भी क्यों! वो तो मज़लूम थी, उनकी ज़िंदा आंखों ने गुजरात देखा, गुजरात माॅडल देखा और साथ में यह भी देखा कि 'नये भारत' में 'ज़किया' के लिए इंसाफ़ की राह कितनी मुश्किल है! उस महान वीरांगना को आख़िरी सलाम। अल्लाह ज़किया जाफ़री साहिबा की मगफ़िरत फरमाए-आमीन।
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