
Supriya Shrinate
January 24, 2025 at 08:26 AM
मैं आज अपने साथ मैग्निफाइंग ग्लास लेकर आई हूं, इसी से ढूंढ रही हूं कि रुपया कहां तक गिरता चला गया है?
इसी के साथ ये भी ढूंढ रही हूं कि प्रधानमंत्री की गरिमा कहां तक गिरी है?
आज रुपया ढूंढने पर भी नहीं मिल रहा है, गिरता ही चला जा रहा है, संभाले नहीं संभल रहा। रुपया 87 पर गोते लगाने को तैयार है।
PM मोदी को कोई बताए कि रुपए से सेंचुरी नहीं लगवानी है.. रुपए को संभालना है।
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