
कृषि विभाग-खेती बाड़ी न्यूज | Mandi Bhav
January 31, 2025 at 04:06 PM
*कृषि व्यापार 31 जनवरी 2025- सरसों, मटर, बाजरा, तुअर, मूंग, उड़द, राजमा, मक्की, गेहूं व चावल तेजी मंदी की रिपोर्ट*
*सरसों : घटने के आसार कम*
31 जनवरी देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 2 लाख बोरी के लगभग तथा होने त तेल मिलों की मांग घटने से लॉरेंस रोड पर सरसों के भा 6050/6100 रूपये प्रति क्विंटल पर सुस्त रहे । नजफगढ़ मंडी में लूज में इसके भाव 5800/5900 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए। बिकवाली कमजोर होने से जयपुर मंडी में 42 त्न कंडीशन सरसों के भाव 6200 रूपए प्रति कुंतलपर दबे रहे। भविष्य में इसमें और गिरावट की संभावना कम है।
*मटर-अब और मंदा नहीं*
31 जनवरी मोठ का उत्पादन बाड़मेर बीकानेर बालोतरा दौसा डीडवाना नागौर लाइन में अधिक जरूर हुआ है, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन सीजन में बाजार 46.5 रुपए प्रति किलो थोक में आ जाने के बाद उत्पादक मंडियों से दिल्ली के पड़ते समाप्त हो गए थे। यही कारण है कि पिछले 20 दिनों में इसके भाव छलांग लगाकर यहां 5500 रुपए बनने के बाद गत सप्ताह 5100 रह गया तथा पुराने माल का स्टॉक नहीं है तथा दूसरी कोई मोठ की फसल आने वाली नहीं है। अतः वर्तमान भाव की मोठ भरपूर लाभदे जाएगी, किंतु समय लगेगा।
*तुवर-बिकवाली का चौतरफा प्रेशर*
31 जनवरी जनवरी-फरवरी शिपमेंट की तुवर 70 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे है, जो 72 रुपए मुश्किल से आकर पड़ेगी। दूसरी ओर कर्नाटक की नई तुवर 77/75 रुपए प्रति किलो यहां बिकने लगी है महाराष्ट्र की नई तुवर भी आने लगी है, इस वजह से लेमन तुवर की बिक्री यहां हाजिर में बिल्कुल समाप्त हो गई थी, कोई पूछने वाला नहीं है। उक्त अवधि के अंतराल लेमन तुवर भी लुढ़क कर 71 रुपए प्रति किलो नीचे में बन गई है, लेकिन अब इन भावों में और घटने की गुंजाइश नहीं है।
*मूंग-अब व्यापार करिए*
31 जनवरी राजस्थान में इस बार मूंग का उत्पादन अधिक हुआ है। इस कारण शेखावटी मेड़ता बीकानेर दौसा डीडवाना नागौर सभी उत्पादक मंडियों में आवक का दबाव बना हुआ है। । दूसरी ओर उत्पादन अधिक होने से चौतरफा दाल की मांग निकलने लगी है। मंडियों में 6500 से लेकर 8100 रुपए के बीच अलग-अलग क्वालिटी के अनुसार माल बिक रहे हैं। इतना ज्यादा डिफरेंस बाजार है लेकिन हल्के माल काफी निपट गए हैं, जिस कारण बाजार धीरे-धीरे तेज ही रहने वाला है। इधर यूपी एमपी बिहार झारखंड की मूंग की आवक समाप्त हो गई है, जिससे उसका भी प्रभाव पड़ेगा। अतः वर्तमान भाव में व्यापार करते रहना चाहिए।
*उड़द सट्टेबाजी के बावजूद मंदा रूकेगे*
31 जनवरी उड़द में सट्टेबाजी का व्यापार चल रहा है, सहारनपुर की उड़द प्रचूर मात्रा में आने से रंगूनी उड़द की कदर घट गई थी। सहारनपुर चंदौसी लाइन के भाव 7200/7300 रुपए के बीच बिक रहे हैं तथा कुछ हल्के माल 7100 रुपए भी बिकने की खबर है। दूसरी ओर रंगून के भी सौदे जनवरी-फरवरी शिपमेंट के काफी सस्ते मिलने लगे हैं। यही कारण है कि यहां बाजार घटकर मोटे माल के 81 एवं छोटे माल के 75 रुपए प्रति किलो रह गए हैं। इन भावों में दिल मिलें खरीद करने लगी है, महाकुंभ में एक बार उड़द दाल की खपत बढ़ेगी, इस वजह से थोड़ी मजबूती लग रही है। बाजारों में माल की कमी होने यहां से थोड़ा खरीद करना लाभदायक रहेगा। चंदौसी लाइन की लोकल में खपने लगी है।
*राजमां चित्रा बारसी लाइन की बंपर*
31 जनवरी राजमां चित्रा की फसल बारसी लाइन में जबरदस्त बताई जा रही है, पुणे सतारा वाई खटाव लाइन की सितंबर अक्टूबर में फसल आई थी, वह भी बहुत बढ़िया है। यह माल क्वालिटी अनुसार 75/80 रुपए प्रति किलो नीचे में बिककर वर्तमान में 94/95 रुपए के बीच विक रहे हैं। बढ़िया माल 97 रुपए तक भी बिना चुगा बोल रहे हैं तथा चुगा हुआ माल रंगत व चुगाव के हिसाब से 110 से 118 रुपए किलो के बीच बिक रहे हैं। मुख्य राजमां चित्रा का व्यापार चीन पर निर्भर करेगा, वहां भाव 1210 डॉलर प्रति टन के आसपास चल रहे हैं। यहां से बाजार और तेज लग रहा है।
*मसूर-बिकवाली लाभदायक रहेगी*
31 जनवरी मसूर की बिजाई मुंगावली गंज बासौदा सागर भोपाल एवं राजस्थान के प्रतापगढ़ निंबाहेड़ा कोटा बूंदी झालावाड़ के साथ-साथ यूपी के गोंडा बहराइच गोरखपुर कौड़ीराम एवं बिहार के मुजफ्फरपुर चनपतिया पटना बख्तियारपुर लाइन में बहुत बढ़िया हुई है। चारों तरफ इस बार मौसम का तापमान ज्यादा होने से मसूर का ग्रोथ कम प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं। इस तरह आने वाली फसल में उत्पादकता घटने की संभावना वर्तमान स्थिति को देखकर बनने लगी है, लेकिन कनाडा की बिकवाली आने एवं फसल तैयार होने से भविष्य में मंदा लग रहा है। इधर कनाडा में भी पहले की अपेक्षा बाजार 5920/5950 रुपए प्रति कुंतल के बीच मुंदड़ा से दिल्ली पहुंच पर नीचे आ गया है। उधर बिल्टी में मसूर पिछले सप्ताह 150 रुपए टूटकर 6350/6400 बिक गई। वर्तमान भाव में भी माल बेचना चाहिए।
*जीरा बढ़ने की उम्मीद नही*
31 जनवरी घटी कीमत पर भी जीरे का उठाव सुस्त ही बना हुआ है। यही वजह है कि यहां जीरा सामान्य 24,500 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर रुका रहा। हाल ही में इसमें 300 रुपए की मंदी आई थी। ऊंझा में इसकी करीब 9-10 हजार बोरियों की आवक होने तथा 20 रुपए प्रति 20 किलोग्राम की मंदी आने की जानकारी मिली। सटोरियों की लिवाली कमजोर पड़ने से सक्रिय वायदा 465 रुपए या 2.09 प्रतिशत मंदा होकर 21,760 रुपए पर आ गया। आने वाले एक-दो दिनों में हाजिर में जीरा बढ़ने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
*मक्की मंदे के बादल छंट*
31 जनवरी पिछले कुछ दिनों से मक्की ग्राहकी की कमी होने से बाजार 125/150 रुपए प्रति कुंतल घटकर हरियाणा पंजाब पहुंच में 2500/2600 रुपए भाव रह गए हैं। उत्पादक मंडियों में भी भाव 2300/2350 रुपए पर काफी नीचे आ गए हैं। अब इन भाव में रैंक वालों की मांग निकलने लगी है तथा लिंगा लाइन से चार रैंक एक सप्ताह के अंदर लोड होने के समाचार हैं, इन परिस्थितियों को देखते हुए यहां से मकई में तेजी लग रही है।
*बाजरा- तेज किंतु, मुनाफा लेते रहिए*
31 जनवरी बाजरा भी नीचे वाले भाव से काफी तेज हो गया है तथा डिस्टलरी प्लांटों की लगातार लिवाली चल रही है। यही कारण है कि राजस्थान में यूपी का बाजार 2600/2580 रुपए प्रति कुंतल मौली बरवाला पहुंच में बिक रहा है। अब इन भाव में एक बार मुनाफा ले जाना चाहिए, क्योंकि बहुत कम समय में आई लंबी तेजी के बाद कुछ दिन सुस्त हो सकता है। हालांकि नई फसल कोई निकट में आनेवाली नहीं है तथा बाजरा पिछले ढाई-तीन महीने से नया चल रहा है। अतः मंडियों में आवक भी पहले की अपेक्षा कुछ कम हो गई है, जिससे दूरगामी परिणाम तेज रहेगा। इन सब के बावजूद एक बार मुनाफा ले जाना चाहिए।
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*गेहूं-क्वांटिटी बढ़ने से मंदा*
31 जनवरी सरकार द्वारा ओपन मार्केट सेल स्कीम के अंतर्गत गेहूं की बिक्री का टेंडर में 2 दिन पहले पूरे देश में डेढ़ से बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया जाने से 85/90 रुपए टूटकर मिल क्वालिटी गेहूं नीचे में 3190/3200 रुपए बिक गया है, टेंडर में 2500 से 2850 रुपए की बीट लगने से नीचे वाले भाव को देखकर अब स्टाकिस्ट अपने माल की बिकवाली प्रतिस्पर्धात्मक करने लगे हैं, उसे देखते हुए बाजार आगे अभी और घट सकता है। नई फसल आने में अभी समय लगेगा।
*चावल और मंदे की गुंजाइश नहीं*
31 जनवरी हम मानते हैं कि चावल में घरेलू एवं निर्यात दोनों ही मांग अनुकूल नहीं होने से बाजार धीरे-धीरे सुस्त हो गया है, लेकिन राइस मिलों एवं पैकिंग निर्माताओं का कहना है कि वर्तमान के धान से इस बार उत्पादन लागत महंगी हो गई है, जिस कारण 1401 चावल सेला, जो 6900 रुपए खुलकर 5600/5700 रुपए प्रति कुंतल नीचे में रह गया है, यह बिल्कुल नीचे वाले भाव हैं, आगे चलकर इसमें भरपूर लाभ की संभावना है। यही कारण है कि 1509 चावल ग्राहकी कमजोर होने के बावजूद भी 5250/5300 रुपए से कम में नहीं मिल रहा है। धान 1121 की आपूर्ति इस बार ज्यादा नहीं है, उधर अब 1718 धान की भी आपूर्ति ज्यादा नहीं है। अतः भविष्य में तेजी लग रही है।
*व्यापार अपने विवेक से करें , नफे या नुकसान की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।*
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