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February 13, 2025 at 10:58 AM
**रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 13-02-2025-आज शाम सतसंग में पढे गये शब्द पाठ:- (1) प्रेम भरी भोली बाली सुरतिया। पल पल गुरु को रिझाय रही।। (संस्कृत)(प्रेमबानी-4- शब्द-10- पृ.सं.37,38)(अधिकतम् उपस्थिति- अमृतसर ब्राँच पंजाब-@-15:15- दर्ज-112) (2) चरन गुरु सेवा धार रहा। बिघन मन सहज निकाल रहा।।(प्रेमबानी-2- शब्द-13. पृ.सं.16,17) (विद्युतनगर मोहल्ला) (3) प्रेमी मिलियो रे सतगुरु से। देवें काज बनाय।।टेक।। (रत्नांजली- शब्द-33- पृ.सं.78,79)(महिला पाठ पार्टी दयालबाग) (4) रोजाना वाक़िआत- भाग-2- कल से आगे। एवं परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज के बचन- भाग-1 सतसंग के बाद:- (1)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी मूल नाम। (2)-हे दयाल सद् कृपाल! (3)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 🙏🏻रा-धा/ध:-स्व-आ-मी🙏🏻**

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