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February 13, 2025 at 10:44 PM
**रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 14-02-2025-आज सुबह सतसंग में पढे गये शब्द पाठ:- (1) सतगुरु चरन पकड़ दृढ़ प्यारे। क्यों जम हाट बिकाय।।(संस्कृत)(प्रेमबानी-2- शब्द-29- पृ.सं.42,43 )(अधिकतम् उपस्थिति- करनाल ब्राँच हरियाणा- @- 3:15- दर्ज-22) (2) चरन में रा-धा/ध:-स्व-आ-मी जब आई। प्रीति मेरे हिये अंतर छाई।। (प्रेमबानी-1- शब्द-85- पैरा-1+10-17- पृ.सं.379-381)(स्वेतनगर मोहल्ला) (3) हेरी तुम कौन हो री। मोहि अटकावनहारी।।टेक।। (रत्नांजली- शब्द-34 - पृ.सं.79,80)(पुरुष पाठ पार्टी दयालबाग) सतसंग के बाद:- (1)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी मूल नाम। (2)-हे दयाल सद् कृपाल! (3)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 🙏🏻रा-धा/ध:-स्व-आ-मी🙏🏻**