शिक्षा विभाग,बिहार सरकार✅️《 Education Department,Bihar 》
February 11, 2025 at 11:15 AM
एडिटोरियल विश्लेषण: भारत में कृषि वानिकी (Agroforestry in India) (संरक्षण, पर्यावरणीय प्रदूषण, एवं पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन पर केंद्रित UPSC, BPSC सहित विभिन्न परीक्षाओं के लिए उपयोगी विश्लेषण) 🔹 परिचय कृषि वानिकी (Agroforestry) एक सतत भूमि प्रबंधन प्रणाली है, जो पेड़ों एवं झाड़ियों को कृषि फसलों के साथ एकीकृत करती है। यह पर्यावरणीय, आर्थिक और सामाजिक लाभ प्रदान करती है। भारत में कृषि वानिकी का दायरा: 28.4 मिलियन हेक्टेयर (कुल भूमि क्षेत्र का 8.65%)। जलवायु परिवर्तन में भूमिका: यह कार्बन पृथक्करण (Carbon Sequestration) में महत्वपूर्ण योगदान देती है और भारत के कुल कार्बन स्टॉक्स का 19.3% हिस्सा कृषि वानिकी से आता है। --- 🔹 कार्बन पृथक्करण की क्षमता और ARR परियोजनाएं शोध बताते हैं कि सही नीति और वित्तीय समर्थन के साथ, कृषि वानिकी 2030 तक 2.5 अरब टन CO₂ समकक्ष कार्बन पृथक्करण कर सकती है। ARR परियोजनाएं (Afforestation, Reforestation, and Revegetation) कार्बन सिंक के रूप में कार्य करती हैं और भूमि पुनर्स्थापन में मदद करती हैं। --- 🔹 कार्बन वित्त प्रणाली में भारत के लिए चुनौतियाँ "सामान्य प्रथा" (Common Practice) मानदंड: अंतर्राष्ट्रीय कार्बन वित्तीय मानक (जैसे Verra’s VCS और Gold Standard) बड़ी जोत वाले फार्मों पर केंद्रित हैं, जबकि भारत में 86.1% किसान छोटे एवं सीमांत हैं। अंतरराष्ट्रीय मानक भारतीय किसानों को कार्बन वित्तीय लाभ से वंचित रखते हैं, क्योंकि उनकी कृषि वानिकी प्रथाओं को "सामान्य" माना जाता है। --- 🔹 भारत-विशिष्ट कार्बन वित्त रणनीति की आवश्यकता ✅ "सामान्य प्रथा" की पुनर्परिभाषा: भारत के कृषि परिदृश्य के अनुरूप नए मानदंड विकसित करने की जरूरत। ✅ कृषि वानिकी की क्षमता का उपयोग: कार्बन क्रेडिट मानकों में संशोधन कर लाखों छोटे किसानों को शामिल किया जा सकता है। ✅ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: छोटे किसानों को कार्बन पृथक्करण से आय अर्जित करने में मदद मिलेगी। --- 🔹 कृषि वानिकी और ARR परियोजनाओं के आर्थिक एवं पर्यावरणीय लाभ ✔️ आय का विविधीकरण: किसान कार्बन क्रेडिट से अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं, जिससे उनकी मौसमी निर्भरता घटेगी। ✔️ पर्यावरणीय लाभ: बंजर भूमि की पुनर्स्थापना, मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि, जल संरक्षण। ✔️ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: कार्बन वित्त तक पहुँच से छोटे किसानों की आय में वृद्धि होगी। --- 🔹 कृषि वानिकी के विस्तार में चुनौतियाँ ❌ सीमित जागरूकता: छोटे किसानों को इसके लाभों की जानकारी नहीं है। ❌ उच्च प्रारंभिक लागत: वृक्षारोपण, बाड़बंदी और रखरखाव में अधिक खर्च होता है। ❌ भूमि की उपलब्धता: किसान भोजन उत्पादन को प्राथमिकता देते हैं। ❌ जल की कमी: वृक्ष फसलों के साथ जल के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। ❌ जलवायु अनिश्चितता: सूखा, बाढ़ और तूफान से जोखिम बना रहता है। --- 🔹 नीति एवं संस्थागत समर्थन ✅ ARR परियोजनाओं की सफलता: TERI जैसी संस्थाओं ने 7 राज्यों में 19 परियोजनाएँ संचालित की हैं, जिससे 56,600+ किसान लाभान्वित हुए। ✅ कृषि वानिकी पहल का विस्तार: अंतरराष्ट्रीय कार्बन वित्त प्लेटफार्मों को भारत के कृषि परिदृश्य के अनुसार अपने मानदंड बदलने होंगे। ✅ सरकार की भूमिका: नीति, वित्तीय प्रोत्साहन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से कृषि वानिकी को बढ़ावा देना। --- 🔹 वैश्विक कार्बन वित्त मानकों में सुधार की आवश्यकता 🌍 भारत की अनूठी कृषि प्रणाली को पहचानना: Verra और Gold Standard जैसी संस्थाओं को अपने मानकों को संशोधित करना चाहिए। 💰 समावेशी कार्बन वित्त तंत्र: छोटे किसानों को कार्बन बाजारों तक पहुँच प्रदान करने से आर्थिक विकास और जलवायु अनुकूलता को बढ़ावा मिलेगा। --- 🔹 भविष्य की रणनीति (Way Forward) ✔️ कृषि वानिकी और कार्बन वित्तीय तंत्र का समावेश: भारत को कृषि और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए इनका एकीकरण करना होगा। ✔️ किसानों को कार्बन वित्त तक पहुँच: ग्रामीण आय में वृद्धि होगी और जलवायु अनुकूलन को बढ़ावा मिलेगा। ✔️ प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम: किसानों को सर्वोत्तम कृषि वानिकी प्रथाओं और भूमि प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित किया जाए। ✔️ वित्तीय समर्थन: सब्सिडी, ऋण, और अन्य सहायता योजनाएँ लागू की जाएँ। ✔️ भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ाना: सतत कृषि वानिकी मॉडल विकसित कर विश्व में अग्रणी भूमिका निभाई जा सकती है। --- 🔹 निष्कर्ष कृषि वानिकी की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए किसान जागरूकता, वित्तीय एवं नीतिगत समर्थन, बाजार संपर्क और कार्बन वित्त अवसरों के एकीकरण की आवश्यकता है। इससे भारत जलवायु परिवर्तन, ग्रामीण गरीबी और पर्यावरणीय क्षरण से निपटने में सक्षम होगा। --- 🔹 अभ्यास प्रश्न (UPSC/BPSC Mains Answer Writing) "हाल के शोध के अनुसार, कृषि वानिकी 2030 तक 2.5 अरब टन CO₂ पृथक्करण में योगदान कर सकती है। भारत में कृषि वानिकी की भूमिका का मूल्यांकन करें और ARR परियोजनाओं के माध्यम से इसे कार्बन सिंक के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है?" (250 शब्दों में उत्तर लिखें) --- 🔹 कॉपीराइट सूचना © Current Affairs Adda – A Unit of deooffice.com सभी अधिकार सुरक्षित। (UPSC, BPSC एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेष सम्पादकीय लेख)
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