Jagat Prakash Nadda
February 12, 2025 at 06:21 AM
ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न।
छोट बड़ो सब सम बसें, रविदास रहे प्रसन्न।।
कर्म को सर्वोपरि मानकर सभी के उत्थान हेतु समाज में समानता का मार्ग दिखलाने वाले संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन करता हूँ।
सामाजिक समरसता का संदेश देती उनकी शिक्षाएं आज भी एकता, सद्भावना व चरित्र निर्माण हेतु सर्वथा अनुकरणीय हैं।
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