CSC HARYANA
February 11, 2025 at 01:51 AM
मुख्य निर्णय (Final Order/Judgment) – हिंदी अनुवाद
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़
मामला: CWP-17852-2024 और अन्य संबंधित मामले
मुख्य निर्णय:
1. सभी याचिकाओं को एक साथ सुना गया, क्योंकि इन सभी में एक जैसे मुद्दे शामिल थे। अदालत ने माना कि याचिकाकर्ताओं की मुख्य शिकायत यह थी कि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (BC-A/BC-B) श्रेणी में नहीं गिना गया, केवल इस आधार पर कि उनके पास 01.04.2023 के बाद का प्रमाणपत्र नहीं था।
2. कोर्ट ने यह पाया कि विज्ञापन में कहीं भी स्पष्ट रूप से यह उल्लेख नहीं किया गया था कि BC प्रमाणपत्र की कट-ऑफ तारीख 01.04.2023 होगी। केवल चयन प्रक्रिया के दौरान इसे एक शर्त के रूप में लागू किया गया, जो प्रक्रिया में बदलाव के समान है और यह उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन करता है।
3. अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर कोई उम्मीदवार पिछड़ा वर्ग से संबंधित है और उसका परिवार पहचान पत्र (PPP) पोर्टल पर सत्यापित है, तो उसे केवल तकनीकी आधार पर अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता।
4. चूंकि याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया के सभी अन्य चरण पूरे कर लिए हैं और उनके पास पिछड़ा वर्ग (BC) प्रमाणपत्र पहले से मौजूद था, इसलिए उन्हें आरक्षित श्रेणी के तहत ही माना जाना चाहिए और उनके खिलाफ लिया गया निर्णय रद्द किया जाता है।
5. इसलिए, अदालत ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे इन उम्मीदवारों की योग्यता को पुनः मान्यता दें और उनके आरक्षित वर्ग के अधिकारों की रक्षा करें।
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संक्षेप में:
✅ अदालत ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में निर्णय दिया।
✅ कट-ऑफ तारीख को लेकर चयन आयोग की नीति को अनुचित बताया।
✅ याचिकाकर्ताओं को उनके आरक्षित वर्ग में ही मान्यता देने के निर्देश दिए।
✅ HSSC और सरकार को पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कहा।
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