Arpit sir Reasoning
January 29, 2025 at 09:55 AM
*आपके अंदर की सकारात्मकता जितनी ज्यादा हो, बाहरी दुनिया की नकारात्मकता उस पर कभी हावी न हो. इसलिए आलोचनाओं के साथ साथ तारीफें भी पचाना सीखिए, क्योंकि जितने भविष्य आलोचनाओं ने बर्बाद नही किए उससे कई ज्यादा झूठी तारीफों ने किए हैं. उन लोगों को पीछे छोड़ने में मत घबराइए जो आपको आगे बढ़ने से रोक रहें हैं. कुछ लोगों को छोड़ना इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि वक्त रहते आपने उनका साथ नहीं छोड़ा तो फिर वो आपको कहीं का नही छोड़ेंगे.*
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