Raja Gupta
January 18, 2025 at 01:26 PM
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है अच्छा-सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम हर वक़्त का रोना तो बेकार का रोना है बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ देर के साथी हैं फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है ये वक्त जो तेरा है, ये वक्त जो मेरा हर गाम पर पहरा है, फिर भी इसे खोना है आवारा मिज़ाजी ने फैला दिया आंगन को आकाश की चादर है धरती का बिछौना है
❤️ 👍 5

Comments