✍️ 𝘿𝙀𝙀𝙉𝙄 𝙍𝘼𝙃𝙉𝙐𝙈𝘼𝙄 📚
January 22, 2025 at 01:59 PM
दीनी रहनुमाई ग्रुप के लिए मेसेज कीजिए 👇 https://Wa.me/+919454051611 🎍﷽ 🎍 ┯━══◑━═━┉─◑━═━━══┯ ●• घरों में झगड़ों से छुटकारा •● ╥────────────────────❥ ⊙⇨ माँ-बाप के बारे में शरीयत का हुक्म :- ★_ आइए देखिए! शरीयत ने क्या कहा। क़ुरआन ए अज़ीम में अल्लाह रब्बुल इज्जत इरशाद फरमाते हैं: (وَبِالْوَالِدَيْنِ إِحْسَانًا) कि तुम माँ-बाप के साथ अच्छे सुलूक का बरताव करो, "_माँ-बाप दोनों के साथ अच्छा सुलूक करो। ★_ एक सहाबी ने नबी ﷺ से पूछा कि मैं किसके साथ अच्छा सुलूक करूँ? तो आपने फरमाया: माँ के साथ। फिर पूछा, किसके साथ? तो आपने फरमाया: माँ के साथ। तीसरी बार पूछा, किसके साथ? तो आपने फरमाया: माँ के साथ। चौथी बार पूछा, तो आपने फरमाया: हाँ, बाप के साथ भी अच्छे सुलूक करो। ★_ तो इस हदीस पाक से यह मतलब निकला कि बाप के साथ भी अच्छा सुलूक करना है मगर माँ का अधिक ख्याल रखना है। क्योंकि माँ ने ज्यादा तकलीफ उठाई होती है। एक साल तो उसने पेट में उठाया होता है। फिर उसके बाद दो साल उसने गोदी में उठाया होता है। हर वक्त बच्चे ही में व्यस्त रहती है, चौबीस घंटे की दासी। कोई ड्यूटी थोड़ी होती है! कि आठ घंटे में बच्चे को अटेंड करूंगी और फिर ड्यूटी खत्म, नहीं! माँ-बाप के लिए तो चौबीस घंटे वक़्त होते हैं। ★_ बल्कि पहले वक्तों में जब आजकल के डाइपर नहीं होते थे और बच्चे रात को सर्दी के मौसम में सोते हुए अपने बिस्तर पर पेशाब कर देते थे तो हमने ऐसी मिसाले भी सुनी हैं कि माँ बच्चे को सूखे बिस्तर पर लिटा देती थी और गीले बिस्तर पर खुद लेट जाती थी। अल्लाह अकबर कबीरा। ®_ हज़रत मौलाना पीर ज़ुल्फ़िक़ार नक़्शबंदी दामत बरकातुहु *ब-शुक्रिया मजलिस अहले इसलाम*
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