✍️ 𝘿𝙀𝙀𝙉𝙄 𝙍𝘼𝙃𝙉𝙐𝙈𝘼𝙄 📚
January 26, 2025 at 01:48 PM
कैसी क़यामत ख़ेज़ तस्वीर है। आग लगी हुई है, माँ जल रही है मगर बच्चे को आग से बचाने के लिए खिड़की से बाहर लटका कर थामे हुए है। बाज़ू थकता है तो थकता रहे, वजूद जलता है तो जलता रहे, लेकिन मेरे लाल पर, मेरे मासूम बच्चे पर कोई आँच न आने पाए। हाए! क्या जज़्बात हैं माँ के। एक माँ की मोहब्बत इतनी दीवाना वार और शदीद है तो सत्तर माँओं से बढ़कर प्यार करने वाले मेरे परवरदिगार की मोहब्बत कैसी होगी? वो कैसे अपने बंदों को जहन्नम की आग में जलाएगा? فَتَوَکَّلْ عَلَی اللّٰه (कॉपी पेस्ट) *मजलिस अहले इसलाम*
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