प्राइमरी का मास्टर • कॉम (PKM)
February 6, 2025 at 02:43 AM
✍️ *आपकी बात* में आज *प्रवीण त्रिवेदी* की कलम से _मैं टटोलता हूँ खुद अपनी ही राहें,_ _कहीं मेरे कदम ही तो नहीं हैं थमे?_ शिक्षक को समाज में एक मार्गदर्शक, ज्ञानदाता और प्रेरक के रूप में देखा जाता है। लेकिन क्या एक शिक्षक भी फेल हो सकता है? आमतौर पर, जब हम "फेल" शब्द सुनते हैं, तो हमारा ध्यान विद्यार्थियों की असफलता की ओर जाता है, लेकिन शिक्षक भी कई परिस्थितियों में असफल हो सकता है। यह असफलता किसी परीक्षा में नंबरों से नहीं, बल्कि उसके शिक्षकीय दायित्वों में चूक से मापी जाती है। आइए समझते हैं कि एक शिक्षक किन परिस्थितियों में फेल माना जा सकता है। *1. जब वह बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित नहीं कर पाता* शिक्षण सिर्फ किताबों का ज्ञान देना नहीं है, बल्कि सीखने की इच्छा जगाना भी है। जब कोई शिक्षक बच्चों में जिज्ञासा और सीखने की ललक नहीं जगा पाता, तो वह अपने मूल कर्तव्य में असफल हो जाता है। अगर विद्यार्थी केवल परीक्षा पास करने के लिए पढ़ रहे हैं, न कि ज्ञान अर्जित करने के लिए, तो कहीं न कहीं शिक्षक की भूमिका कमजोर रही है। *2. जब वह खुद सीखना बंद कर देता है* एक अच्छा शिक्षक वही होता है जो खुद भी हमेशा सीखता रहे। जब कोई शिक्षक नई जानकारियों, शिक्षण तकनीकों और समाज के बदलते स्वरूप से खुद को अपडेट नहीं करता, तो वह धीरे-धीरे अप्रासंगिक (irrelevant) हो जाता है। ऐसे में वह बच्चों को आधुनिक दौर के अनुसार तैयार करने में असफल हो सकता है। *3. जब वह निष्पक्ष नहीं रहता* एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह सभी विद्यार्थियों को समान अवसर दे। लेकिन अगर वह कुछ बच्चों को विशेष महत्व देता है और कुछ को नजरअंदाज करता है, तो यह उसके शिक्षकीय मूल्यों की हार है। पक्षपात किसी भी शिक्षक को फेल कर सकता है, क्योंकि इससे विद्यार्थियों का आत्मविश्वास कमजोर होता है। *4. जब वह अनुशासन और करुणा में संतुलन नहीं बना पाता* अत्यधिक कठोरता या अत्यधिक ढीलापन – दोनों ही शिक्षण को प्रभावित कर सकते हैं। यदि शिक्षक इतना कठोर हो कि बच्चे उससे डरें, तो वे खुलकर सीख नहीं पाएंगे। वहीं, अगर अनुशासनहीनता हो जाए, तो कक्षा में शिक्षा का माहौल नहीं बन पाएगा। शिक्षक को इस संतुलन को बनाए रखना जरूरी है। *5. जब वह शिक्षा को नौकरी मात्र मान लेता है* अगर कोई शिक्षक केवल वेतन के लिए पढ़ा रहा है और उसका शिक्षण में कोई समर्पण नहीं है, तो वह कभी भी अपने विद्यार्थियों पर सकारात्मक प्रभाव नहीं डाल सकता। शिक्षा एक जिम्मेदारी है, जिसे पूरी लगन से निभाना जरूरी है। _एक शिक्षक तभी फेल होता है जब वह अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा पाता। शिक्षक का असली मूल्यांकन सिर्फ परीक्षा परिणामों से नहीं होता, बल्कि इस बात से होता है कि उसके विद्यार्थी जीवन में कितने सक्षम और आत्मनिर्भर बनते हैं। अगर शिक्षक ईमानदारी, लगन और उत्साह से अपनी भूमिका निभाए, तो उसके लिए फेल होने का कोई सवाल ही नहीं उठता।_ 📢 *पूरा आलेख पढ़ें* 👇 📌 *एक शिक्षक फेल कब होता है?* 👉 http://www.primarykamaster.com/2025/02/blog-post.html 📢 *प्रवीण त्रिवेदी से जुड़े* 🟢 *व्हाट्सएप* https://whatsapp.com/channel/0029VaAZJEQ8vd1XkWKVCM3b 🔵 *फेसबुक* https://facebook.com/praveentrivedi ⚫ *एक्स* https://x.com/praveentrivedi 🟣 *इंस्टाग्राम* https://www.instagram.com/praveentrivedi009 🤝 *शिक्षक दखल से जुड़े* 👉 https://chat.whatsapp.com/GUIOUxr3fi41NsMuAjXmRf 🤝 *PKM प्राइमरी का मास्टर • कॉम* का अधिकृत व्हाट्सअप चैनल करें फ़ॉलो 👉 https://whatsapp.com/channel/0029Va9wcPRICVfqRbfsd53j

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