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February 15, 2025 at 12:09 AM
भारत और अमेरिका, दोनों समझदार देश हैं। कुछ एक बिलियन के लिए किसी भी क़ीमत पर दोनों देश अपने संबंध नहीं ख़राब करने वाले हैं। ट्रम्प रेसीप्रोकल टैरिफ़ की बात कर रहे हैं। भारत वहाँ के दो तीन सेक्टर में अमेरिका और ट्रम्प के अहम के तुष्टि के लिए टैरिफ़ कम कर देगा और ट्रम्प अपने अहम की तुष्टि के लिए भारत के दो तीन सेक्टर पर टैरिफ़ बढ़ा देगा। यह अमेरिका जैसे महाशक्ति और ट्रम्प जैसे अमेरिका प्रथम सोच रखने वाले व्यक्ति के लिए फेस सेविंग भी होगा और अहम को भी तुष्ट करेगा। भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय था डीप स्टेट द्वारा भारत में अस्थिरता पैदा करना और अगल बगल के देशों में भी ऐसी स्थिति बनाना कि भारत असहज हो, निश्चित रूप से इस दृष्टि को भारत को बड़ी राहत मिलने वाली है। 4 जून के अप्रत्याशित परिणाम के बाद कांग्रेस और अमेरिका के बाईडेन सरकार द्वारा समर्थित मीडिया ने माहौल बनाना शुरू कर दिया था कि अब मोदी का मैजिक अपने समाप्ति की तरफ़ है लेकिन क्रमशः हरियाणा, महाराष्ट्र और अब दिल्ली के चुनाव परिणाम ने मोदी नीत इस सरकार को न केवल पुर्ण स्थायित्व प्रदान कर दिया है बल्कि इसकी मान्यता भाजपा के पूर्ण बहुमत के सरकार के बराबरी पर ला दिया है। इसलिए टैरिफ़ के दो चार बिलियन से इतर मोदी सरकार का पूर्ण ध्यान उन ताकतों के निपटारे पर हैं जो तरह तरह की शक्तियां पाकर देश में अस्थिरता और अराजकता पैदा करने का काम करती हैं। तुलसी गबार्ड का खुफिया विभाग का चीफ बनना और सबसे पहले मोदी से मिलना, काश पटेल का एफबीआई का चीफ बनना, भारत के पक्षधर और चीन विरोधी दो अन्य प्रमुख नेताओं को ट्रम्प कैबिनेट में बेहद महत्वपूर्ण स्थान, यह सब बता रहा है कि अमेरिका और कनाडा में बैठे अलगवावादी अब उस आसानी और समर्थन को एंजॉय नहीं कर पाएंगे जो पहले वो कर रहे थे। बांग्लादेश के मुद्दे पर ट्रम्प ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री मोदी उसे ध्यान से देख रहे हैं और संपर्क में भी हैं। बड़े नेता काफ़ी बात इशारे में करते हैं और मैसेज देते हैं। ट्रम्प ने मोहम्मद यूनुस का भी आज़ मैसेज दे दिया कि अमेरिका में बॉस बदल गए हैं और अब उन्हें नए तरीक़े से चलना ही होगा। अमेरिका भारत पर 2.2% टैरिफ़ लगाता है जबकि भारत 12%, भारत को ट्रम्प के अहम के तुष्टि के लिए कुछ एक सेक्टर में यह टैरिफ़ घटाना पड़ेगा, साथ ही एलन मस्क के स्टार लिंक को भी शायद अनुमति देना पड़े। स्टार लिंक ने काफ़ी समय पहले से भारत में अपनी सेवा शुरू करने का एप्लीकेशन दिया हुआ है लेकिन भारत सरकार शायद मस्क को इसलिए टांग रखा है ताकि एलोन मस्क अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए ट्रम्प और मोदी के बीच मीडिएटर का काम कर सकें। स्टार लिंक के साथ सबसे बड़ी समस्या भारत में लाइसेंस लेना भर ही नहीं है बल्कि जिओ के स्तर पर अपने दाम को घटाकर ले आना है। फ़िलहाल व्यापार के अतिरिक्त हर स्तर पर नई सरकार भारत के पक्ष में खुलकर दिख रही है। भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है की भारत पुतिन का विरोधी नहीं है और यहीं बात ट्रम्प पर भी लागू होती है। दोनों एक साथ चीन के ख़िलाफ़ हैं। ऐसे में जितनी ज़रूरत भारत को अमेरिका की है, उतनी ही ज़रूरत अमेरिका को भारत की है। क्वैड भविष्य में और मज़बूत होता दिखाई देगा और दक्षिण चीन सागर में बियतमान, जापान आदि देशों के साथ भारतीय नौसेना और आक्रामक होगी। इसलिए नौसेना को भी मज़बूत करने का काम पूरी तेज़ी से चल रहा है। काफ़ी बातें समय के साथ और स्पष्ट होंगी। फ़िलहाल राष्ट्रवादी समूह के लेखकों को सावधान रहने की ज़रूरत है क्यूँकि कुछ एक बिलियन डॉलर के लिए विपक्ष नया नैरेटिव बनाएगा कि अमेरिका और यूरोप के वामपंथी ही भारत के लिए अच्छे हैं जबकि ये ऐसा ही है चार पैसे के लालच में घर में फूंट डालने को अच्छा ठहराना। - डॉक्टर भूपेंद्र सिंह *ब्रेकिंग न्यूज़, वायरल वीडियोस और अपने देश राज्यो में होने वाले इवेंट्स के बारें में जानने के लिए ज्वॉइन करें हमारा न्यूज़ ग्रुप👇🏻👇🏻👇🏻* देश, दुनिया की खबरों के लिए join करें https://whatsapp.com/channel/0029Va4jfPB2P59cjHu9gQ0J आप सभी ग्रुप मेंबर्स से requst है ये लिंक अपने सभी groups में sent करें....,
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