🚩हिंदू युवा वाहिनी 🚩
January 22, 2025 at 06:33 PM
*जरा सोचिये हम किधर जा रहे हैं और कहाँ जाए्ंगे अभी दोष अपना है विधर्मियों को कोसना छोड़ो क्योंकि हमने स्वयं धर्म को छोड़ा है।*
*1.* चोटी छोड़ी ,
*2.* टोपी, पगडी छोड़ी ,
*3.* यज्ञोपवीत छोड़ा ,( जनेऊ)
*4.* कुर्ता छोड़ा ,धोती छोड़ी ,
*5.* नमस्ते छोड़ी ,
*6.* ओ३म् उचारण और संध्या वंदन छोड़ा
*7.* यज्ञ हवन करना छोड़ा ,
*8.* धर्म शास्त्र वेद छोड़ा
*9* बाल्मिक रामायण पाठ, गीता पाठ छोड़ा ,
*10* महिलाओं, लडकियों ने साड़ी छोड़ी , बिछिया छोड़े , चूड़ी छोड़ी , दुपट्टा, चुनरी छोड़ी , मांग बिन्दी छोड़ी ।
पैसे के लिये, बच्चे छोड़े (आया पालती है)
*11.* वेद मंत्र छोड़े ,श्लोक छोडे, लोरी छोड़ी ।
*12.* बच्चों के सारे संस्कार (बचपन के) छोड़े ,
*13.* संस्कृत छोड़ी , हिन्दी छोड़ी ,
*14.* पांव लागूं, चरण स्पर्श, पैर छुना छोड़े ,
*15.* घर परिवार छोड़े ( अकेले सुख की चाह में संयुक्त परिवार)।
*16.* सात्विक भोजन छोड़ा ( मांस शराब अपनाई)
*अब कोई रीति या परंपरा बची है ?* ऊपर से नीचे तक गौर करो, तुम कहां से हिन्दू हो, भारतीय हो, सनातनी हो, ब्राह्मण हो, क्षत्रिय हो, वैश्य हो शुद्र हो
*कहीं पर भी उंगली रखकर बता दो अपनी परंपरा को मैनें ऐसे जीवित रखा हैं*
जिस तरह से हम धीरे धीरे बदल रहे हैं- *जल्द ही समाप्त भी हो जाएंगे।*
डर तो लगेगा कि ईसाईयत फैल रहा है इस्लाम फैल रहा है सैकुलर वाद और नास्तिकता फैल रही है। भारत भारतीयता आर्यत्व तो नष्ट होगा ही। जो क़ौम अपने धर्म संसकृति शास्त्रों को जीवन में उतार कर रक्षा नही करती उनका नामो निशान मिटना अवश्य है।
*कहाँ लुप्त हो गये* - *गुरुकुल की शिक्षा*, ओ३म् ,*यज्ञ*, *शस्त्र-शास्त्र*, *नित्य धर्म स्थलो पर जाने का संस्कार ?*
*हम अपने संस्कारों से विमुख हुए, इसी कारण हम विलुप्त हो रहे हैं।*
*अपने मूल-धर्म व संस्कारों को अपनाओ!!*
*अपनी पहचान बनाओ!*
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