विद्यावंशी ~ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
February 16, 2025 at 11:10 AM
आचार्य श्री ने असहनीय पीड़ा को भी धैर्य और समत्व से स्वीकार किया, लेकिन उनके व्रत की शुद्धता अडिग और अटल रही। 77 वर्ष की आयु में भी उनकी साधना इतनी दृढ़ थी कि संपूर्ण विश्व उनके त्याग, तप और आत्मबल को देखकर स्तब्ध रह गया। अंतिम क्षणों तक वे पूर्ण जाग्रत और सजग रहे, मानो *मृत्यु भी उनके धैर्य और संकल्प के आगे नतमस्तक हो गई हो* । ऐसे अमर पुरुष, ऐसे तपस्वी, युगों-युगों में ही जन्म लेते है… और अपने कृतित्व से अमर हो जाते है। *विद्यावंशी 🌈*
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