सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डाॅट काॅम
January 26, 2025 at 08:38 AM
सादर नमस्कार ,जय आईजी री सा। *हिंदू नववर्ष कैलेंडर के अनुसार "श्री आईजी आशीष" पाॅकेट डायरी छपवाने हेतु निम्नलिखित बन्धुओं से सम्पर्क कर पुण्य लाभ कमायें* सीरवी समाज के समस्त स्वजातीय बंधुओं को अवगत कराते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डाॅट काॅम संस्था के द्वारा श्री आईजी आशीष डायरी का प्रकाशन शुरू किया गया है। डायरी विमोचन पर दिवान माधवसिंह जी के आशीर्वचन" श्री आई माता जी के आशीर्वाद स्वरूप में यह डायरी आप हमेशा अपने साथ रखें और अपने घर के मंदिर में भी रखें।इसमें संस्कार निर्माण हेतु जो ज्ञानोपयोगी बातें है वे अपने बच्चों और परिवार को बताएं। सुबह-शाम माताजी के सामने घी का दिया जलाकर इसमें दी गई सप्त श्लोकी दुर्गा,मंत्र, माताजी की आरती, वंदना और आई पैंतालिसा की नित्य प्रति स्तुति करके मां आईजी का आशीर्वाद प्राप्त करें।" “श्री आईजी आशीष” पॉकेट डायरी *को विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी का स्वयं भी सदुपयोग करके लाभ लें और अपने पारिवारिक सदस्यों को भी अवगत कराएं। इसमें मां श्री आईजी की वंदना, गुरु वंदना, श्री आई माता जी की आरती, अथ श्री सप्तश्लोकी दुर्गा, सात वार श्री माता जी की आरती, बेल क्या है?, बेल के 11 नियम, नित्यकर्म पूजा जाप, श्री आई माता जी के चमत्कार, आई पंथ में बीज पर्वो का महत्व, सीरवी जाति का इतिहास, श्री आई पैंतालीसा, दुर्गा चालीसा, हनुमान चालीसा, चार धाम, श्री बाबा रामदेव जी की आरती, आई माता जी के चमत्कारिक स्थल, श्री अम्बे मां की आरती, सोलह संस्कार, समाधि मंत्र, कंवली रो जाप, सप्त ऋषि, सप्त सिंधु (सात नदियां), 33 कोटि देव, नौ चिरंजीवी, नौ निधि, समाज के पांच स्तंभ, मारवाड़ के ढाई घर, पंच कन्या, हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्ह, 12 ज्योर्तिलिंग, सप्त पुरियां(मोक्षदायी तीर्थ स्थल), दीवान वंशावली परिवार, एकादशी एवं उनके नाम, उत्तराखंड के चार धाम, किधर सिर करके सोना चाहिए और क्यों?, चार पीठ, चार धाम, हमारे संबंध एवं संबंधी, हिंदू वर्ष कैलेंडर, कवि घाघ के अनुसार किस मास में क्या नहीं खाना चाहिए, सीरवी समाज की गोत्र एवं कुल देवियां, ढुंढ की बेल, सीरवी समाज की विशेषता, बिलाड़ा के दर्शनीय स्थल, किस देवी देवताओं के कितने परिक्रमा करनी चाहिए , एक स्वस्थ शरीर के लिए जानकारी, सूर्य– पृथ्वी– चंद्रमा की दूरी,* सुसंस्कृत सामाजिक जीवन यापन सम्बन्धित अति महत्वपूर्ण सामाजिक, धार्मिक एवं आध्यत्मिक जानकारी को उल्लेखित किया गया है जो हमारे सामाजिक दैनिक जीवन हेतु कल्याणकारी एवं बहुपयोगी सिद्ध होगी इसमें अखिल भारतीय सीरवी समाज की राष्ट्रीय, प्रान्तीय, परगना एवं जिला व तहसील स्तर की लगभग समस्त सामाजिक संस्थाओं, समाज के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओं, प्रमुख समाज सेवकों एवं धार्मिक महत्वपूर्ण सम्पर्क सुत्रों को सम्मिलित किया है।
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