
Dr. Sudhanshu Trivedi
February 20, 2025 at 03:48 AM
भारतीय संस्कृति की सामाजिक समरसता आध्यात्मिक श्रेष्ठता और वैज्ञानिक प्रामाणिकता के प्रतीक इस महाकुंभ पर्व को लेकर लगातार इंडी गठबंधन के नेताओं के द्वारा जिस प्रकार के निंदनीय भर्त्सना योग्य बयानों की श्रृंखला आ रही है, ममता बनर्जी जी का या बयान जो निहायत ही निंदनीय और भर्त्सना योग्य है अर्थात महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कहना यह उसी का एक अंग है।
इससे पहले congress अध्यक्ष खड़गे जी गंगा स्नान करने का मजाक उड़ा चुके हैं, उसके बाद अखिलेश जी अब अवमानना और तिरस्कार के बयान दे चुके हैं, लालू प्रसाद यादव जी कुंभ को फालतू बोलकर तिरस्कार कर चुके हैं और आज ममता बनर्जी वही करती हुई दिखाई पड़ रही है। अतः यह इंडी गठबंधन की हिंदू धर्म के प्रति जो नफरत और हिकारत उनके दिल में भरी हुई है।
यह अवमानना और तिरस्कार उनके मन में भरा हुआ है यह उसकी स्वभाविक अभिव्यक्ति है। इन लोगों का इस प्रकार का विचार कोई सहज स्वाभाविक विचार नहीं है जो अनायास मन से आ रहा है बल्कि यह एक योजना और घातक डिजाइन का part है, क्योंकि वही गठबंधन है जिसने 2023 में बाकायदा conference की थी इरेडिकेशन आफ सनातन धर्म अर्थात हिंदू धर्म का समूल नाश फिर धार्मिक ग्रंथों को फाड़ने से लेकर हिंदू धर्म को HIV ,मलेरिया, डेंगू और जाने क्या क्या कहा था और यह लोग उस योजना का अंग है जिसने 2021 में दुनिया के बड़े बड़े विश्वविद्यालयों में एक conference की थी, डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व यानी संपूर्ण विश्व से हिंदुत्व को ध्वस्त करना। अतः ममता बनर्जी जी का बयान इंडी गठबंधन की सोच का प्रकटीकरण है और भारत के विरुद्ध हिंदू धर्म और सनातन धर्म के विरुद्ध होने वाले वैश्विक षड्यंत्र का भी एक प्रकटीकरण है।
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