
Study With Bright Future (Hindi)
February 25, 2025 at 05:33 PM
📜 *उत्तराखंड का इतिहास – महत्वपूर्ण तथ्य*
🏛️ *1. उत्तराखंड के पुरातत्व विकास में योगदान*
📌 उत्तराखंड में पुरातत्व अध्ययन को आगे बढ़ाने का श्रेय यशवंत सिंह कठौच, यशोधर मण्डपाल, कांतिप्रसाद, मदन भट्ट एवं शिवप्रसाद डबराल आदि विद्वानों को जाता है।
🏺 *2. उत्तराखंड में पुरातत्व के जनक*
🔍 हेनवुड को उत्तराखंड में पुरातत्व का जनक माना जाता है।
🔍 1856 ई. में हेनवुड ने देवीधुरा में महापाषाणकालीन पुरावशेषों की खोज की।
🔎 *3. महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोजें*
🛠️ *1951 ई.* – हरिद्वार के बहादराबाद में ताम्र उपकरण एवं मृदभांड की खोज हुई।
🦴 *1952-1953 ई.* – यज्ञदत्त शर्मा ने हरिद्वार (बहादराबाद) में पाषाण कालीन अवशेषों की खोज की।
🏔️ *अल्मोड़ा (रामगंगा घाटी)* – यशोधर मण्डपाल ने पाषाणकालीन अवशेषों की खोज की।
🏞️ *रामगंगा घाटी (नौला ग्राम)* – कपामर्क्स की खोज यशोधर मण्डपाल ने की।
🏚️ *महरू उडियार*– यह स्थल भी रामगंगा घाटी से संबंधित है।
⚱️ *चित्रित धूसर मृदभांड* – H.N.B. गढ़वाल विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग द्वारा श्रीनगर (थापली) व उत्तरकाशी में प्राप्त किए गए।
📜 *1998 ई.* – कुमाऊं विश्वविद्यालय ने रानीखेत (धनखल गाँव) में एम.पी. जोशी एवं डी.एस. नेगी के संरक्षण में उत्खनन कार्य शुरू किया।
🪓 *उत्तराखंड से प्राप्त प्राचीनतम लौह उपकरण* – लौह फलक।
👥 *1999 ई.* – नैनीताल में पाँच ताम्र मानव आकृतियों की खोज हुई।
🖼️ *मंगोली शैलचित्र एवं खुटानीनाला* – नैनीताल में पाषाण युगीन अवशेष मिले।
🎨 *14 नृतको का चित्र* – कसार देवी शैलाश्रय (अल्मोड़ा) से प्राप्त हुए।
🔆 *4. वैदिक कालीन उत्तराखंड*
🏹 वैदिक काल में उत्तराखंड में त्रित्सु जन का शासन था।
🎯 *ये सभी बिंदु उत्तराखंड के इतिहास के महत्वपूर्ण पुरातात्विक तथ्यों को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं।*
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