
UPSC Hindi Upsc UPSC UPSC UPSC UPSC UPSC UPSC Upsc Upsc UPSC UPSC UPSC UPSC UPSC UPSC UPSC UPSC UPSC
February 18, 2025 at 02:53 PM
वर्तमान संदर्भ: लेख में भारत में राजनीति के अपराधीकरण के मुद्दे पर चर्चा की गई है, जिसमें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों और दोषी राजनेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध को लेकर चल रही बहस पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
कानूनी प्रावधान:
✅ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3): 2+ वर्ष की सजा वाले अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्तियों को अयोग्य घोषित करता है।
✅ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(1): विशिष्ट जघन्य अपराधों (बलात्कार, अस्पृश्यता, यूएपीए, आदि) के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्तियों को सजा की अवधि की परवाह किए बिना अयोग्य घोषित करता है।
✅ अयोग्यता अवधि: धारा 8(3) के तहत अयोग्य घोषित व्यक्तियों के लिए रिहाई के बाद 6 वर्ष।
📍 सुप्रीम कोर्ट के फैसले:
✅ एडीआर केस (2002): उम्मीदवारों द्वारा आपराधिक रिकॉर्ड का खुलासा अनिवार्य किया गया।
✅ सीईसी बनाम जन चौकीदार केस (2013): इस व्याख्या को बरकरार रखा कि जेल में बंद व्यक्ति 'मतदाता' नहीं हैं और इसलिए वे चुनाव नहीं लड़ सकते।
संशोधन (2013): उपरोक्त निर्णय को पलट दिया गया, जिससे विचाराधीन कैदियों को चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई।
लिली थॉमस केस (2013): जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(4) को रद्द कर दिया गया, जो विधायकों को अपील दायर करने पर दोषसिद्धि के बाद भी पद पर बने रहने की अनुमति देता था।
📍 आजीवन प्रतिबंध के लिए तर्क:
याचिकाकर्ताओं का तर्क: दोषी व्यक्ति सरकारी नौकरियों के लिए अयोग्य हैं, इसलिए उन्हें विधायक बनने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
✅ एडीआर रिपोर्ट: 2024 में निर्वाचित सांसदों में से 46% पर आपराधिक आरोप होंगे, जिनमें से 31% पर गंभीर आरोप होंगे।
✅ विधि आयोग और चुनाव आयोग की सिफारिशें: जिन व्यक्तियों पर 5+ वर्ष के कारावास का प्रावधान है, उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए।
📍 आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ तर्क:
✅ सरकारी हलफनामा (2020): सांसद/विधायक सरकारी कर्मचारियों की तरह 'सेवा शर्तों' से बंधे नहीं हैं, इसलिए वर्तमान अयोग्यता अवधि पर्याप्त है।
संभावित दुरुपयोग: राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इस तरह के प्रावधान के दुरुपयोग की चिंता।
✅ अनुपातहीन दण्ड: नैतिक अधमता से संबंधित न होने वाले कुछ अपराधों के लिए स्थायी अयोग्यता अनुचित हो सकती है।
अन्य बिन्दु:
✅ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 11: चुनाव आयोग को अयोग्यता अवधि को हटाने या कम करने का अधिकार देती है।
✅ चुनाव आयोग की कार्रवाई (2019): सिक्किम के सीएम की अयोग्यता अवधि कम कर दी गई, जिससे इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठे।
संभावित प्रश्न:
✅ प्रारंभिक: निम्नलिखित में से कौन सा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत प्रावधान है?
2+ वर्ष की सजा वाले अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्तियों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है।
चुनाव आयोग किसी दोषी व्यक्ति की अयोग्यता अवधि को हटा सकता है या कम कर सकता है।
(a) केवल 1 (b) केवल 1 और 3 (c) केवल 2 और 3 (d) 1, 2 और 3
✅ मुख्य परीक्षा: "भारत में राजनीति के अपराधीकरण को कानूनी सुधारों, चुनावी जागरूकता और नैतिक विचारों को शामिल करते हुए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।" लेख के प्रकाश में इस कथन पर चर्चा करें, राजनीति के अपराधीकरण के मुद्दे को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के उपाय सुझाएँ।
#gs2 #prelims #polity
#polity_governance

👍
🙏
3