कविताएँ और साहित्य 🥀
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                February 28, 2025 at 07:59 AM
                               
                            
                        
                            ये वसंत है / विजय शंकर
ये वसंत है? 
किसे वसंत की चिंता है 
अवकाश है, एकांत है, स्थिर मन है 
तुम हो, प्रेम है, 
क्या ये वसंत है? 
कुछ ही क्षण बीते हैं 
मैं स्तब्ध हूँ 
प्रश्न गूँजते हैं 
छोटे बड़े चेहरे आँखों में तैरते हैं 
मैं जड़ हो जाता हूँ 
कोई लिखता है वसंत 
और वह नष्ट हो जाता है।
                        
                    
                    
                    
                        
                        
                                    
                                        
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