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February 27, 2025 at 10:41 PM
**रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 28-02-2025-आज सुबह सतसंग में पढे गये शब्द पाठ:- (1) जाग चल सूरत सोई बहुत। काहे को पूँजी अपनी खोत।। (संस्कृत)(सारबचन- शब्द-6- पृ.सं.267,268)(अधिकतम् उपस्थिति- स्वामीनगर ब्राँच दिल्ली- @-3:15- दर्ज-31) (2) करी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी मेहर नई। उमँग घट अंतर जागा रही।। (प्रेमबानी-1- शब्द-97- पैरा-1-10- पृ.सं.407,408)(स्वेतनगर मोहल्ला) (3) गुरु ने मोहिं (हमारे गुरु ) ऐसा रतन बढ़ दिया।।टेक।। (रत्नांजली- शब्द-61 - पृ.सं.125,126) (पुरुष पाठ पार्टी दयालबाग) सतसंग के बाद:- (1)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी मूल नाम। (2)-हे दयाल सद् कृपाल! (3)-रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी रा-धा/ध:-स्व-आ-मी! 🙏🏻रा-धा/ध:-स्व-आ-मी🙏🏻**