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February 18, 2025 at 10:55 AM
*_महाकुंभ जाम व तकलीफों पर आस्था भारी, 53 करोड़ से ज्यादा पहुंचे, सिलसिला जारी_*
दिल्ली : प्रयागराज महाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं की आस्था सैलाब कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. 53 करोड़ से ज्यादा लोगों के पहुंचने के बाद भी महाकुंभ में जाने का सिलसिला जारी है. नेशनल हाईवे 30 की स्थिति देखकर तो ऐसा लग रहा है मानो पूरा देश ही महाकुंभ जाने के लिए उमड़ पड़ा है. जबलपुर, कटनी, रीवा से होते हुए प्रयागराज जाने वाले रूट पर कई जगह ट्रैफिक फिर थमता नजर आ रहा है. वीकेंड के बाद से ही रीवा बायपास पर फिर जाम की स्थिति बनी है.
देश विदेश से श्रद्धालु कड़ा परिश्रम करके बड़ी संख्या में अपने-अपने साधनों से गंगा स्नान के लिए महाकुंभ प्रयागराज पहुंच रहें है. रास्ता कठिन और चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद भी श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हो रही है. 144 सालों बाद आए इस महापर्व को कोई नहीं छोड़ना चाहता. यही वजह है कि देश के सभी राज्यों से लोग महाकुंभ की समाप्ति होने से पहले स्नान करने पहुंच रहे हैं.
इन राज्यों से रीवा होकर प्रयागराज जा रहे श्रद्धालु
दरअसल, मध्य प्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और गुजरात की ओर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन रीवा पहुंच रहे है. क्योंकि रीवा ही नेशनल हाईवे पर ऐसा जिला है, जो सीधे उत्तर प्रदेश बॉर्डर से जोड़ता है. इन राज्यों से प्रतिदिन लाखों की तादाद में श्रद्धालु अपने वाहनों में सवार होकर जबलपुर, कटनी, मैहर और सतना होते हुए रीवा चोरहटा बायपास पहुंचते हैं. इसके बाद रतहरा बायपास से होकर वे रायपुर कर्चुलियान से मनगवां, गढ़, कटरा, सोहागी पहाड़ होते हुए चाकघाट स्थित एमपी-यूपी बॉर्डर पर पहुंचते है. रीवा से लेकर चाकघाट की दूरी तकरीबन 90 किलोमीटर है और यहां से प्रयागराज की दूरी तकरीबन 35 किलोमीटर है।
एक बार फिर जाम हुआ रीवा चोरहटा बायपास
NH 30 रीवा प्रयागराज हाइवे से होकर जाने वाले यात्रियों की मुसीबतें कम होने का नाम हीं नही ले रही हैं. तकरीबन एक महीने पहले प्रयागराज में महाकुंभ के महापर्व का अयोजन शूरु हुआ था. तब से लेकर अब तक कई बार चाकघाट बॉर्डर पर जाम लग चुका और स्थिति बद से बत्तर भी हो तुकी है. पिछले 15 दिनों में यहां लाखों वाहनों के पहिए सड़क पर थम चुके हैं और जाम का महा रिकॉर्ड भी बन चुका है. सरकार के निर्देश पर पुलिस व प्रशासनिक सूझबूझ के चलते स्थिति में काफी सुधार है, हालांकि, कुंभ खत्म होने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, रीवा में स्थिति फिर विकट होने की कगार पर है. शनिवार-रविवार के बाद से चोराहट में फिर जाम की स्थिति बन गई है और हजारों वाहन सड़कों पर रेंग रहे हैं
रीवा चोरहटा बायपास से रतहारा बायपास तक जाम
चाकघाट बॉर्डर में अब वैसी जाम की स्थिति नहीं हुई जैसी प्रयागराज महाकुंभ में हादसे के बाद निर्मित हुई थी. हालांकि, बॉर्डर में बीते सोमवार तक रुक रुककर 15 से 20 मिनट के लिए जाम की स्थिति निर्मित हुई और धीमी गति से वाहन बॉर्डर पार करते हुए प्रयागराज की ओर निकल गए. लेकिन रीवा की अगर बात की जाए तो सोमवार की सुबह से ही यहां के चोरहटा बायपास से लेकर रतहरा बायपास तक तकरीबन 15 किलोमिटर तक जाम की स्थिति निर्मित रही. यहां पर प्रयागराज जानें वाले श्रद्धालुओं से भरे छोटे-बड़े वाहन बस, कार, के अलावा कमर्शियल और मालवाहक वाहन भी कछुए की चाल चलते नजर आए.
गूगल मैप ने दिखाया शहर का रास्ता, यात्री हुए परेशान
यहां से गुजराने वाले कई बाहरी यात्री गूगल मैप के चक्कर में घनचक्कर बन गए और 2 से 4 किलोमिटर की यात्रा करके वापस बार-बार उसी स्थान पर लौट रहे थे. दक्षिणी राज्यों जैसे केरल, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश से आने वाले यात्रियों को भी भाषा की समस्या के चलते काफी परेशान होना पड़ा. कई यात्री लंबे जाम में फंसने के बाद वापस लौटकर फिर से पीछे कतार में लग गए.
ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव: एसपी
महाकुंभ के चलते रीवा में बढ़ते यातायात के दबाव को लेकर एसपी विवेक सिंह ने कहा, '' देश के कई राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक आदि के श्रद्धालु NH 30 से होकर रीवा पहुंच रहे हैं. इसी के चलते वाहनों का भारी दबाव देखने मिल रहा है. पुलिस व प्रशासन का पूरा प्रयास है कि कहीं भी जाम की स्थिती निर्मित न हो और यात्रियों को परेशानी न हो.''
महाशिवरात्रि तक लग सकता है महाजाम
26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक ये महापर्व चलेगा. जैसे-जैसे महाकुंभ की समाप्ति की तारीख आ रही है, वैसे-वैसे यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. महाशिवरात्रि पर्व तक यहां कई गुना ज्यादा भीड़ होने की भी संभावना है. हालांकि, रीवा पुलिस और प्रशासन की टीमें पूरी तरह से व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के लिए मुस्तैद हैं. रीवा संभाग में प्रशासन की ओर से 13 होल्डिंग प्वाइंट बनाए गए हैं. इन होल्डिंग पॉइंट में हजारों वाहनों की पार्किंग की व्यव्स्था बनाई गई है. अगर वाहनों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है तो प्रशासन कुछ वाहनों को होल्डिंग प्वाइंट में पहले की तरह रोक लेगा