
Kuldeepak Joshi
February 26, 2025 at 02:58 AM
कैलाश के वासी, सृष्टि के त्राता,
गंगा को जिसने सिर पर है धाता।
नीलकंठ बन विष को पिया,
भक्तों को जिसने अमृत दिया।
वो भोलेनाथ है मेरा
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं
