
Kuldeepak Joshi
March 1, 2025 at 09:35 AM
चाँद से रोशन हो रमजान तुम्हारा
इबादत से भर जाए रोजा तुम्हारा
हर नमाज हो कबूल तुम्हारी
यह दुआ है खुदा से हमारी
