@rtikudra Kaimur Bhabua Bihar. सूचना का अधिकार, जानकारी से मिलेगी "जानकारी" या नाम का सुविधा केंद्र
February 14, 2025 at 03:44 AM
*याद रहे रिश्वत देना और रिश्वत लेना दोनों ही अपराध तो अपराधी दोनों*
वर्तमान में छुटी हुई जमाबंदी को परिमार्जन प्लस के माध्यम से ऑनलाइन कराने या उसमें सुधार कराने, दाखिल खारिज कराने सहित जमीन संबंधी किसी कार्य के लिए ऑनलाइन आवेदन करने पर कथित अंचल कार्यालय के कर्मी जो कार्यालय में कार्यरत नहीं है उनको आवेदक का नाम, नंबर और काम की जानकारी कैसे हो जाती है। वह आवेदक को फोन करते हैं इस संबंध में कोई भी शिकायत दर्ज नहीं कराता। सीधे उससे मिलकर पैसे की बात करता है। इसमें दोषी तो सिर्फ आवेदक हीं है। क्योंकि सभी कार्यालय कर्मी, लिपिक, नाजीर,राजस्व कर्मचारी (उनसे संबंधित मौजे की जानकारी) राजस्व अधिकारी और अंचलाधिकारी का नाम और नंबर अंचल कार्यालय की दीवार पर साफ-साफ लिखी गई है। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद संबंधीत राजस्व कर्मचारी या फिर अंचलाधिकारी से कागजात के साथ मिलकर अपनी बात रखना कोई उचित नहीं समझता। यह अलग बात है कि मेडिएटर को नंबर और काम की जानकारी कैसे हुई मेडिएटर तक पहुंचकर पैसा देकर काम कराना है तो इसमें अधिकारी, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी कोई कैसे मदद कर पाएगा। जब सबके दिमाग में यह पहले से बैठा है कि बिना पैसा दिए काम कहां होता है।