
Mota Ambaji Ashram
February 26, 2025 at 04:28 AM
*Mota Ambaji, Borivali East*
Motaambajiborivalieast
26/02/2025
माघ कृष्ण पक्ष १३, महाशिवरात्रि
विक्रम संवत् २०८१
रुद्राष्टकम् का आठवाँ श्लोक :
*न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्।*
*जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो।।*
मैं न जप जानता हूँ, न तप और न ही पूजा। हे प्रभो! मैं सदा सर्वदा आपको ही नमन करता हूँ।
हे प्रभो! जरावस्था व जन्म मृत्यु के दु:खों से संतप्त मुझ दु:खी की रक्षा करें।
हे ईश्वर! मैं आपको नमन करता हूँ।
I don’t know Yoga, Japa (chanting of names), or Prayers. Still, I am bowing continuously and always to You. O Shambhu! O Prabhu! Save me from the sufferings of old age, rebirth, grief, sins, and troubles. I bow to You.
*महाशिवरात्रि* के इस पावन पर्व पर आएँ हम उस निराकार परमात्मा के साकार शिव रूप का ध्यान एवं स्तुति करें।
*शिव एवं सती के महामिलन के पर्व* *महाशिवरात्रि की कोटि कोटि शुभकामनाएँ।*
*जय भोलेनाथ*
*अंबे*
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