
Khanwad_e Ziyai Network
February 6, 2025 at 11:05 AM
⚠️😔⚠️
*बचपन में जहां चाहते थे हस लेते थे जहां चाहते थे रो लेते थे अब हंसने के लिए तमीज चाहिए और रोने के लिए तनहाई चाहिए...!!*
✍️ *_~ज़ियाई~_*