ARGHA GHOSH
ARGHA GHOSH
January 30, 2025 at 07:33 PM
*चाहे हम जर्मनी के भू-राजनीतिक परिदृश्य, जापान की तकनीकी शक्ति, अमेरिका के आधिपत्य प्रभाव या भारत की बढ़ती क्षमता पर विचार करें*, मानव अस्तित्व का मूल कारण मानवता की खोज और स्थायी शांति की स्थापना से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। यही सिद्धांत संयुक्त राष्ट्र के गठन का आधार है, एक ऐसा संगठन जिसकी कल्पना वैश्विक संघर्षों को रोकने और राष्ट्रों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने की महान आकांक्षा के साथ की गई थी। *हालांकि, मृत्यु का भयावह साया हमारी सामूहिक चेतना पर मंडराता रहता है*, जो हमें याद दिलाता है कि अगर हिंसा का निरंतर ज्वार अनगिनत लोगों की जान लेता रहा, तो एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जब पूरी मानवता युद्ध की तबाही के आगे झुक जाएगी, और पीछे एक उजाड़ दुनिया छोड़ जाएगी जहाँ केवल युद्धप्रिय नेता, पूरी ताकत से हथियारबंद, प्रभुत्व के लिए अंतिम, प्रलयकारी संघर्ष में शामिल होंगे।

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